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बेड की कमी पर रेलवे ने महाराष्ट्र को 20 कोविड कोच दिए

कोरोना मरीजों की संख्या में प्रतिदिन हो रही बढ़ोत्तरी से विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है. रेलवे ने इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकारों से कोविड कोच का इस्तेमाल करने के लिए कहा है. महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले से मांग मिलने पर रेलवे ने वहां पर 20 कोविड कोच को लगा दिया है.

बेड की कमी
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Published : Apr 16, 2021, 5:56 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना मरीजों की संख्या में प्रतिदिन हो रही बढ़ोत्तरी से विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है. रेलवे ने इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकारों से कोविड कोच का इस्तेमाल करने के लिए कहा है. महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले से मांग मिलने पर रेलवे ने वहां पर 20 कोविड कोच को लगा दिया है. अब इन कोचों का प्रयोग राज्य सरकार मरीजों के लिए कर सकेगी.

इस बारे में ईटीवी भारत के एक सवाल के जवाब में सीईओ व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि देश में लगभग 400 कोविड कोच विभिन्न जोन मुख्यालय व रेलवे के 220 अन्य स्ठानों पर तैयार खड़ें हैं. इन कोचों के उपयोग के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अपनी सुविधा के अनुसार रखवा सकता है.

बता दें कि पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर के दौरान भारतीय रेलवे ने कोविड मरीजों की देखभाल कोच तैयार किए थे, इनका उपयोग स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जा सकता है. हालांकि आज तक इन कोचों का उपयोग नहीं किया जा सका. अब, जब कि देश भर में कोरोना मरीजों के लिए बेड की कमी हो रही है ऐसे समय में इन कोचों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

पढ़ें - आरटी-पीसीआर टेस्ट वायरस डिटेक्ट करने में 20 फीसदी नाकाम

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी को बताया कि हमने पहले ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और रेल महाप्रबंधकों के माध्यम से मुख्य सचिवों को इस बारे में बता दिया है कि कोविड कोच उपलब्ध हैं. इसकी जब भी आवश्यकता हो तो इसके बारे में हमें जानकारी दें. उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक किसी अन्य राज्य से कोई मांग नहीं आई है लेकिन रेलवे राज्य सरकारों के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में है.

सीईओ व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष शर्मा ने यह भी कहा कि रेलवे गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों पर नजर रखे हुए है और विभिन्न जोनों के महाप्रबंधकों को जहां लगता है कि मांग अधिक है तो वह वहां पर अतिरिक्त गाड़ियों को चलवा सकते हैं.

उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि ट्रेन सेवाओं में कोई कमी नहीं आएगी, अभी स्थिति काफी सामान्य है. रेलवे वर्तमान में 1490 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा 5,397 उपनगरीय ट्रेनें चलवा रहा है. इसके अलावा 28 क्लोन ट्रेनें और 947 यात्री ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. साथ ही यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए अप्रैल और मई में 140 अतिरिक्त ट्रेनें 483 ट्रिप का सफर पूरा करेंगी.

पढ़ें - काेराेना की रफ्तार राेकने के लिए क्या हैं राज्याें के प्लान, जानें

यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे को राज्य सरकारों से यात्री सेवाओं को निलंबित करने के लिए कोई अनुरोध प्राप्त हुआ है, उनका कहना था कि किसी भी राज्य द्वारा ट्रेन सेवाओं को रोकने की मांग नहीं की गई है. हालांकि कई कनेक्टिंग ट्रेनें हैं जो विभिन्न राज्यों से होकर गुजरती हैं, उन्हें रोकना संभव नहीं होगा.

वहीं कुछ राज्यों ने यह कहते हुए चिंता जताई है कि जो यात्री कंटेनमेंट जोन में आते हैं, उन्हें स्टेशनों पर रैंडम परीक्षण और जांच से गुजरना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे अपनी ई-टिकटिंग वेबसाइटों पर रियायतों के बारे में सभी विवरण प्रदान कर रहा है और स्टेशनों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जानकारियां भी दी जा रही हैं.

नई दिल्ली : कोरोना मरीजों की संख्या में प्रतिदिन हो रही बढ़ोत्तरी से विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है. रेलवे ने इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकारों से कोविड कोच का इस्तेमाल करने के लिए कहा है. महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले से मांग मिलने पर रेलवे ने वहां पर 20 कोविड कोच को लगा दिया है. अब इन कोचों का प्रयोग राज्य सरकार मरीजों के लिए कर सकेगी.

इस बारे में ईटीवी भारत के एक सवाल के जवाब में सीईओ व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि देश में लगभग 400 कोविड कोच विभिन्न जोन मुख्यालय व रेलवे के 220 अन्य स्ठानों पर तैयार खड़ें हैं. इन कोचों के उपयोग के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अपनी सुविधा के अनुसार रखवा सकता है.

बता दें कि पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर के दौरान भारतीय रेलवे ने कोविड मरीजों की देखभाल कोच तैयार किए थे, इनका उपयोग स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जा सकता है. हालांकि आज तक इन कोचों का उपयोग नहीं किया जा सका. अब, जब कि देश भर में कोरोना मरीजों के लिए बेड की कमी हो रही है ऐसे समय में इन कोचों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी को बताया कि हमने पहले ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और रेल महाप्रबंधकों के माध्यम से मुख्य सचिवों को इस बारे में बता दिया है कि कोविड कोच उपलब्ध हैं. इसकी जब भी आवश्यकता हो तो इसके बारे में हमें जानकारी दें. उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक किसी अन्य राज्य से कोई मांग नहीं आई है लेकिन रेलवे राज्य सरकारों के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में है.

सीईओ व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष शर्मा ने यह भी कहा कि रेलवे गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों पर नजर रखे हुए है और विभिन्न जोनों के महाप्रबंधकों को जहां लगता है कि मांग अधिक है तो वह वहां पर अतिरिक्त गाड़ियों को चलवा सकते हैं.

उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि ट्रेन सेवाओं में कोई कमी नहीं आएगी, अभी स्थिति काफी सामान्य है. रेलवे वर्तमान में 1490 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा 5,397 उपनगरीय ट्रेनें चलवा रहा है. इसके अलावा 28 क्लोन ट्रेनें और 947 यात्री ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. साथ ही यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए अप्रैल और मई में 140 अतिरिक्त ट्रेनें 483 ट्रिप का सफर पूरा करेंगी.

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यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे को राज्य सरकारों से यात्री सेवाओं को निलंबित करने के लिए कोई अनुरोध प्राप्त हुआ है, उनका कहना था कि किसी भी राज्य द्वारा ट्रेन सेवाओं को रोकने की मांग नहीं की गई है. हालांकि कई कनेक्टिंग ट्रेनें हैं जो विभिन्न राज्यों से होकर गुजरती हैं, उन्हें रोकना संभव नहीं होगा.

वहीं कुछ राज्यों ने यह कहते हुए चिंता जताई है कि जो यात्री कंटेनमेंट जोन में आते हैं, उन्हें स्टेशनों पर रैंडम परीक्षण और जांच से गुजरना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे अपनी ई-टिकटिंग वेबसाइटों पर रियायतों के बारे में सभी विवरण प्रदान कर रहा है और स्टेशनों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जानकारियां भी दी जा रही हैं.

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