नई दिल्ली : स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी आक्रामक हैं. उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए हैं, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर सावरकर पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लेकिन उनकी सहयोगी पार्टी शिवसेना उद्धव गुट नाराज है. उनकी नाराजगी की तपिश महाराष्ट्र में भी दिखने लगी है. संभवतः यही वजह है कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने हस्तक्षेप किया है.
सूत्रों के अनुसार शरद पवार ने कांग्रेस से साफ तौर पर सावरकर पर टिप्पणी करने से बचने को कहा है. विपक्षी पार्टियों की बैठक में पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सावरकर का नाम बहुत ही सम्मान से लिया जाता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं थे. ऐसे में बार-बार उनका नाम कांग्रेस लेगी, तो उनके लिए ठीक नहीं होगा, लोग नाराज हो सकते हैं. एक दिन पहले हुई इस बैठक में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी, दोनों मौजूद थे.
आपको बता दें कि राहुल गांधी से जब यह सवाल पूछा गया था कि आप 2019 में मोदी सरनेम पर दिए गए बयान को लेकर माफी क्यों नहीं मांग लेते हैं, इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि वह सावरकर नहीं हैं, वह गांधी हैं और वह माफी नहीं मांगेंगे. संसद की सदस्यता जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए फिर से राहुल गांधी ने दोहराया कि उनका नाम सावरकर नहीं है, वह गांधी हैं, और गांधी माफी नहीं मांगता है. राहुल के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है. राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी की आलोचना की है. महाराष्ट्र भाजपा भी राहुल पर आक्रामक है. ऐसे में उद्धव ठाकरे पीछे कैसे रहते.
उद्धव ठाकरे ने खुद कहा कि वह वीर सावरकर पर राहुल की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह वीर सावरकर का और अधिक अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. उनकी पार्टी के नेता संजय राउत ने भी कहा कि वह राहुल गांधी को वीर सावरकर के बारे में जानकारी देंगे. उद्धव ने यह भी कहा कि वह देश और संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए वह कांग्रेस के साथ आए हैं, लेकिन आप यदि इस तरह की आधारहीन बात करेंगे, तो हमसब अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे. उद्धव ने कहा कि हमारी लड़ाई मोदी और भाजपा से है. उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा है कि राहुल यदि सावरकर का नाम यूं ही लेते रहे, तो पार्टी को कांग्रेस से अपना संबंध तोड़ लेना चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी ने जो भी कहा है, वह एक ऐतिहासिक तथ्य है, इसे बदला नहीं जा सकता है. रावत ने कहा कि इंदिरा गांधी वीर सावरकर का सम्मान करती थीं. इसमें तो कोई विवाद नहीं है. वह स्वतंत्रता सेनानी थे, लेकिन राहुल का बयान एक तथ्य है.
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What Rahul Gandhi said is a historical fact. When historical facts cited as examples they don't change. Shri Veer Savarkar was respected as a freedom fighter by Cong&Indira Gandhi: Harish Rawat on VD Savarkar's grandson to file FIR against RG if there is no apology for his remark pic.twitter.com/cTtRQOxRgm
— ANI (@ANI) March 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) March 28, 2023
जानकारी दे दें कि वीर सावरकर चितपावन ब्राह्मण थे. महाराष्ट्र में इनकी अच्छी खासी आबादी है. वे उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. महाराष्ट्र के स्कूलों में भी इन्हें पढ़ाया जाता है. सावरकर ने अभिनव भारत नाम के संस्था की स्थापना की थी. अंग्रेजों ने 1910 में वीर सावरकर पर कलेक्टर जैक्सन की हत्या का आरोप लगाया था. हालांकि, जिस समय जैक्सन की हत्या हुई थी, उस समय वह लंदन में थे. बाद में कहा गया कि सावरकर ने ही वह पिस्टल उपलब्ध करवाई थी, जिससे जैक्सन की हत्या हुई. इस मामले में सावरकर के बड़े भाई की भी गिरफ्तारी हुई थी. वीर सावरकर को काले पानी की सजा दी गई. उनको अंडमान जेल भेज दिया गया. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि सावरकर ने गांधी के कहने पर माफीनामा लिखा था. उस समय जिसे भी जेल भेज दिया जाता है, यह एक आम प्रक्रिया थी, और इसके बाद बहुतों को रिहा भी किया जाता था. राहुल गांधी बार-बार इसी माफीनामे का जिक्र करते हैं. हालांकि, वीर सावरकर के पोते ने राहुल गांधी को चुनौती दी है कि वह दस्तावेज से अपने आरोपों की पुष्टि करें, अन्यथा वह उन पर मुकदमा दायर करेंगे. सुब्रमण्यम स्वामी ने इंदिरा गांधी की वह चिट्ठी सार्वजनिक की है, जिसमें उन्होंने वीर सावरकर की तारीफ की थी.
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In a letter dated May 30, 1980,Indira Gandhi had written a letter to Pandit Bakhle, then secretary of Swatantrayaveer Savarkar Rashtriya Smarak, expressing her reverence for one of India’s greatest freedom fighters Vinayaka Damodar Savarkar. pic.twitter.com/ByZFUfOlkS
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