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SYL नहर विवाद को लेकर पंजाब सरकार की खुली बहस, विपक्ष नहीं हुआ शामिल

पंजाब में नहर विवाद को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए विपक्षी दलों को आमंत्रित किया. ये बहस आज लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया, जहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो हजार पुलिस कर्मियों को तैनात कराया गया. चौंकाने वाली बात यह रही कि इस बहस में विपक्ष ने शामिल होने से इनकार कर दिया. (Punjab SYL Canal Dispute open debate)

Etv BharatPunjab SYL Canal Dispute CM Mann invited opposition parties  open debate
पंजाब में एसवाईएल नहर विवाद को लेकर सरकार का खुली बहस का आमंत्रण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 1, 2023, 8:51 AM IST

Updated : Nov 1, 2023, 7:24 PM IST

लुधियाना: पंजाब में पिछले कई दिनों से राजनीतिक विपक्षी दल एसवाईएल (SYL, Sutlej Yamuna link) के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे थे. इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जवाब देते हुए उन्हें एक नवंबर को खुली बहस के लिए आमंत्रित किया है. इस बहस का आयोजन आज लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में किया गया है. इसको लेकर सरकार और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. सुरक्षा के लिए पुलिस की ओर से दो हजार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को भी तैनात किया गया है.

बहस में शामिल नहीं हुआ विपक्ष : इस बीच, अकाली दल से सुखबीर बादल, कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप बाजवा और बीजेपी पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बहस में शामिल होने से इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री मान की इस खुली बहस में भाग लेने आए सामाजिक कार्यकर्ता मनदीप मन्ना को भी पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को भी पुलिस ने रास्ते में रोका. इस दौरान मन्ना ने कहा कि पंजाब को लूटने वाले लोग बहस में हिस्सा लेने से भाग गये और हमें अंदर नहीं आने दिया जा रहा है.

बीजेपी का आरोप खुली बहस के एजेंडे से गायब है एसवाईएल का मुद्दा: पंजाब बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. इन नेताओं का आरोप है कि सोशल मीडिया पर आदमी पार्टी के एजेंडे में एसवाईएल का जिक्र नहीं है.

'आप' सरकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किए ये 4 मुद्दे: 'आप' पंजाब ने आज की बहस से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है. इसमें 1 नवंबर को पंजाब में ड्रग्स कैसे फैला, गैंगस्टरों को किसने पनाह दी, युवाओं को बेरोजगार रखा और पंजाब को किसने धोखा दिया, जैसे विषयों पर बड़े खुलासे करने का दावा किया गया है. इस पोस्ट पर विपक्षी पार्टियां नाराज हो गई हैं और आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार एसवाईएल मुद्दों पर बहस करने से बच रही है.

डिबेट के मुद्दों पर उठाए सवाल: सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया एक्स पर आम आदमी पार्टी के पेज की एक फोटो शेयर की है. इसमें आम आदमी की ओर से होने वाली डिबेट का एजेंडा लिखा है. उनको लेकर सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि पंजाब जवाब चाहता है. एसवाईएल मुद्दे पर चर्चा तक को तैयार नहीं? सर क्या आप गंभीर हैं? क्योंकि यदि आप मजाक कर रहे हैं, तो मजाक आप पर है. इस पर बहस करने से भागते हुए आपने सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप स्वीकार कर लिया है. पंजाब को जवाब मिल गया. इसके अलावा सुनील जाखड़ ने इस महाबहस के लिए तैनात किए गए भारी पुलिस बल और पुलिस द्वारा लोगों को घरों में नजरबंद किए जाने पर भी सवाल उठाए हैं.

अकाली दल ने उठाए सवाल: उधर, शिरोमणि अकाली दल ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा. इसमें बिक्रम मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के आरोप लगाया कि सरकार एसवाईएल के मुद्दे पर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार इस गंभीर मुद्दे पर सभी दलों को एक साथ लेने को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसान संगठनों की आवाज भी बंद कर दी है ताकि वे इस महाबहस में हिस्सा न ले सकें. मजीठिया ने कहा कि सरकार के इन इंतजामों ने लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिला दी है.

ये भी पढ़ें- SYL पर पंजाब से नहीं बनी बात तो हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हिमाचल के सीएम से की चर्चा, जानें पूरा मामला

राजा वारिंग ने रखीं ये चार शर्तें: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने बहस में शामिल होने के लिए चार शर्तें रखी हैं. इसमें पहला शर्त यह है कि एसवाईएल मुद्दे पर बहस, दूसरा है एक महीने के अंदर नशा खत्म करने का वादा, तीसरा है पंजाब में कानून व्यवस्था सुधारने का वादा और चौथा है मर्डर में न्याय दिलाने का वादा सिद्धू मूसेवाला और उनके पिता की. मांग पूरी करने का वादा किया गया है. इसके साथ ही विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के आने को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी इस बहस का हिस्सा हो सकते हैं.

लुधियाना: पंजाब में पिछले कई दिनों से राजनीतिक विपक्षी दल एसवाईएल (SYL, Sutlej Yamuna link) के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे थे. इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जवाब देते हुए उन्हें एक नवंबर को खुली बहस के लिए आमंत्रित किया है. इस बहस का आयोजन आज लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में किया गया है. इसको लेकर सरकार और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. सुरक्षा के लिए पुलिस की ओर से दो हजार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को भी तैनात किया गया है.

बहस में शामिल नहीं हुआ विपक्ष : इस बीच, अकाली दल से सुखबीर बादल, कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप बाजवा और बीजेपी पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बहस में शामिल होने से इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री मान की इस खुली बहस में भाग लेने आए सामाजिक कार्यकर्ता मनदीप मन्ना को भी पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को भी पुलिस ने रास्ते में रोका. इस दौरान मन्ना ने कहा कि पंजाब को लूटने वाले लोग बहस में हिस्सा लेने से भाग गये और हमें अंदर नहीं आने दिया जा रहा है.

बीजेपी का आरोप खुली बहस के एजेंडे से गायब है एसवाईएल का मुद्दा: पंजाब बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. इन नेताओं का आरोप है कि सोशल मीडिया पर आदमी पार्टी के एजेंडे में एसवाईएल का जिक्र नहीं है.

'आप' सरकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किए ये 4 मुद्दे: 'आप' पंजाब ने आज की बहस से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है. इसमें 1 नवंबर को पंजाब में ड्रग्स कैसे फैला, गैंगस्टरों को किसने पनाह दी, युवाओं को बेरोजगार रखा और पंजाब को किसने धोखा दिया, जैसे विषयों पर बड़े खुलासे करने का दावा किया गया है. इस पोस्ट पर विपक्षी पार्टियां नाराज हो गई हैं और आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार एसवाईएल मुद्दों पर बहस करने से बच रही है.

डिबेट के मुद्दों पर उठाए सवाल: सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया एक्स पर आम आदमी पार्टी के पेज की एक फोटो शेयर की है. इसमें आम आदमी की ओर से होने वाली डिबेट का एजेंडा लिखा है. उनको लेकर सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि पंजाब जवाब चाहता है. एसवाईएल मुद्दे पर चर्चा तक को तैयार नहीं? सर क्या आप गंभीर हैं? क्योंकि यदि आप मजाक कर रहे हैं, तो मजाक आप पर है. इस पर बहस करने से भागते हुए आपने सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप स्वीकार कर लिया है. पंजाब को जवाब मिल गया. इसके अलावा सुनील जाखड़ ने इस महाबहस के लिए तैनात किए गए भारी पुलिस बल और पुलिस द्वारा लोगों को घरों में नजरबंद किए जाने पर भी सवाल उठाए हैं.

अकाली दल ने उठाए सवाल: उधर, शिरोमणि अकाली दल ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा. इसमें बिक्रम मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के आरोप लगाया कि सरकार एसवाईएल के मुद्दे पर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार इस गंभीर मुद्दे पर सभी दलों को एक साथ लेने को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसान संगठनों की आवाज भी बंद कर दी है ताकि वे इस महाबहस में हिस्सा न ले सकें. मजीठिया ने कहा कि सरकार के इन इंतजामों ने लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिला दी है.

ये भी पढ़ें- SYL पर पंजाब से नहीं बनी बात तो हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हिमाचल के सीएम से की चर्चा, जानें पूरा मामला

राजा वारिंग ने रखीं ये चार शर्तें: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने बहस में शामिल होने के लिए चार शर्तें रखी हैं. इसमें पहला शर्त यह है कि एसवाईएल मुद्दे पर बहस, दूसरा है एक महीने के अंदर नशा खत्म करने का वादा, तीसरा है पंजाब में कानून व्यवस्था सुधारने का वादा और चौथा है मर्डर में न्याय दिलाने का वादा सिद्धू मूसेवाला और उनके पिता की. मांग पूरी करने का वादा किया गया है. इसके साथ ही विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के आने को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी इस बहस का हिस्सा हो सकते हैं.

Last Updated : Nov 1, 2023, 7:24 PM IST
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