अमृतसर: ड्रग्स मामले में अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ शिकंजा कसता जा रहा है. पंजाब पुलिस ने आज अमृतसर में मजीठिया के घर पर दबिश दी. हालांकि, वहां मजीठिया नहीं मिले. पुलिस करीब पौने घंटे तक उनके घर की तलाश ली.
ज्ञात हो कि सोमवार को हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया था. अदालत के इस फैसले के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है. पंजाब पुलिस ने अमृतसर में रणजीत ऐवेन्यू कालोनी स्थित एक घर पर छापेमारी की.
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उनके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा कि न्यायमूर्ति लिसा गिल की अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. चीमा ने कहा कि उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि उच्चतम न्यायालय का रुख करने के लिए अंतरिम सुरक्षा सात दिनों के लिए बढ़ा दी जाए. हालांकि, वकील ने कहा कि विस्तृत आदेश का इंतजार है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया.
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अदालत ने 18 जनवरी को अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी थी
मजीठिया (46) के खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था. मोहाली की एक अदालत ने 24 दिसंबर को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पंजाब के पूर्व मंत्री के खिलाफ राज्य में मादक पदार्थ रैकेट की जांच से संबंधित 2018 की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में राज्य की अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस थाने में 49 पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की थी.
बता दें कि करीबन 10 साल पुराने 6000 करोड़ के नशा तस्करी के मामले (Drug smuggling cases worth 6000 crores) में पिछले साल दिसंबर में पंजाब सरकार ने एसटीएफ की रिपोर्ट पर मजीठिया के खिलाफ दोबारा मामला दर्ज (Case registered against Majithia again) किया था. इसके बाद मजीठिया भूमिगत हो गए थे. मामला दर्ज होने के बाद मजीठिया ने सबसे पहले मोहाली कोर्ट में जमानत की याचिका लगाई. कई बार सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद बिक्रमजीत मजीठिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया (Bikramjit Majithia approached the High Court) और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने उन्हें अंतरिम राहत दी.
इस दौरान एसआईटी के प्रमुख बलराज सिंह के बेटे प्रिंस प्रीत सिंह की प्रमोशन (Promotion of Prince Preet Singh, son of SIT chief Balraj Singh) का मुद्दा भी उठा और कहा गया कि यह प्रमोशन पूर्व डीजीपी चट्टोपाध्याय ने उन्हें इनाम के तौर पर दिया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा (Senior party leader Daljit Singh Cheema) ने इसे चुनाव से पहले कांग्रेस की एक बड़ी साजिश बताया है. चंडीगढ़ में उन्होंने कहा कि इस साजिश में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi), गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा सहित कई लोग शामिल थे. लेकिन कांग्रेस के मंसूबों को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.
अकाली नेता बिक्रमजीत मजीठिया को पंजाब के माझा इलाके का जरनैल बताया जाता है और माझा इलाके की सीटें जीतने में विक्रमजीत की अहम भूमिका भी रहती है. नशा तस्करी का मामला दर्ज होने के बाद बिक्रमजीत मजीठिया भूमिगत हो गए थे. इसको लेकर गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उनके ऊपर तंज कसा था. रंधावा ने कहा था कि माझे का जरनैल, गीदड़ों की तरह छुपते नहीं फिरते. हाईकोर्ट की तरफ से जमानत मिलने के बाद पंजाब में माझा क्षेत्र का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. माझा में अकाली नेता विक्रमजीत मजीठिया और गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी.