चंडीगढ़ : कृषि कानून के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को राजघाट से एक मिशन की शुरुआत की. इस मिशन के जरिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए वह राज्य से सौतेला व्यवहार कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने राज्यपाल की भूमिका पर भी चिंता व्यक्त की. राज्यपाल को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की विधान सभा में सर्वसम्मति से पारित हुए राज्य संशोधन बिल को उन्होंंने राष्ट्रपति के पास भी नहीं भेजा.
नवजोत सिंह सिद्धू ने भी साधा निशाना
वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने चिर परिचित अंदाज में केंद्र सरकार और भाजपा को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र के ये कानून किसानों के लिए हानिकारक तो हैं ही, भारत के संघीय ढांचे पर प्रहार हैं. कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने भी कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया और आम आदमी पार्टी तथा अकाली दल को भी निशाने पर लिया. वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इन कानूनों को किसानों की कमर तोड़ने वाला बताया.
राज्यपाल पर भी साधा निशाना
पंजाब के सीएम ने कहा कि इन सबमें राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं है, राज्य संशोधन बिल को उनको अब तक राष्ट्रपति के पास भेज देना चाहिए था, लेकिन इस तरह के मामसों में वह सिर्फ पोस्ट बॉक्स बने हुए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने संकेत देते हुए कहा कि पिछले साल उनकी सरकार ने राज्यपाल को हस्ताक्षर करने को एक विधेयक दिया था, लेकिन अभी भी उस बिल को वह अपने पास लेकर बैठे हैं.
राष्ट्रपति के समय न देने पर जताया खेद
राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने उनको और पंजाब के अन्य विधायकों को मिलने से मना कर दिया. पंजाब के सीएम ने कहा कि वह देश के प्रमुख हैं इस वजह से हम उनको पांजाब राज्य के हालातों के बारे में बताना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया. आशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही केंद्र सरकार से बात करेंगे.
राज्य के साथ सौतेला व्यवहार
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें अकेले ही राजघाट जाने की परमीशन दी. मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब के लिए केंद्र का सौतेला व्यवहार बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि मार्च के बाद से राज्य को जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया था और इसकी 10 करोड़ रुपये की संवैधानिक गारंटी भी लंबित थी, उन्होंने कहा कि आपदा राहत कोष को भी केंद्र ने रोक दिया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है, कोयला स्टॉक भी खत्म हो गए हैं, हम इस स्थिति में कैसे जीवित रह सकते हैं.
कर रहे क्रमिक अनशन का नेतृत्व
बता दें, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कृषि कानून के मुद्दे पर उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मुलाकात का समय नहीं दिए जाने के बाद राजघाट पर कांग्रेस विधायकों के 'क्रमिक धरना' का नेतृत्व कर रहे हैं. अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए पंजाब विधानसभा में पारित विधेयकों को मंजूरी दिलानें की मांग को लेकर आज राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था.
कृषि कानूनों का विरोध
रेलवे ने पंजाब में ट्रेनों का परिचालन यह कहकर रोक दिया है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब भी कुछ पटरियों पर जमे हैं. हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि पटरियों पर से अवरोधक हटा लिए गए हैं और मालगाड़ियों को परिचालन की अनुमति दी जा रही है.
चार-चार के समूह में क्रमिक धरने की रणनीति
पंजाब सरकार ने कहा कि कोयले की कमी की वजह से राज्य के ताप विद्युत संयंत्र बंद हो रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में चूंकि धारा 144 लागू है और लोगों के जमा पर होने पर रोक है, इसलिए विधायक चार-चार के समूह में पंजाब भवन से महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाकर 'क्रमिक धरना' देंगे.
कृषि कानूनों के विरोध में जारी सियासत थम नहीं रही. पंजाब में इसपर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है और पंजाब से उठी आवाज आज दिल्ली पहुंच गई. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आज अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंच गए. इस दौरान मनीष तिवारी समेत कई सांसद भी मौजूद रहे. वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया.
राज्यपाल ने राष्ट्रपति के पास नहीं भेजे बिल
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इससे पहले, राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया. जंतर-मंतर पर अपने सम्बोधन में कैप्टन ने कहा कि हमारे राजघाट पहुंचने से पहले वहां 144 लगा दिया गया, हम राष्ट्रपति से नहीं मिल पाए. हम पंजाब की समस्या से उन्हें अवगत कराना चाहते थे. सीएम कैप्टन ने पंजाब के राज्यपाल को भी निशाने पर लिया और कहा कि हमारे बिल राजभवन में पड़े हैं, अभी तक राज्यपाल ने उन्हें राष्ट्रपति को नहीं भेजा.
'रेल मंत्री से की है बात'
आढ़ती सिस्टम को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह हरित क्रांति से पहले का पंजाब का सिस्टम है, जो किसानों के हित में रहा है, लेकिन अब उसे खत्म किया जा रहा है. किसानों के प्रदर्शन को लेकर उठ रहे सवालों पर कैप्टन ने कहा कि हमारी रेल लाइनें और रोड्स बंद नहीं हैं. केवल दो जगह, जहां प्राइवेट पावर प्लांट्स हैं, वहां किसान बैठे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने रेल मंत्री से कहा भी है कि इन दो लाइनों के अलावा बाकी सभी जगह रेल शुरू करें.
'केंद्र नहीं कर रहा सहायता'
साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में पंजाब के योगदान का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि आज पंजाब परेशान है, हमारे पास फसल रखने के बोरे नहीं हैं, गोदाम भरे हुए हैं, गेहूं की बुआई के लिए मात्र 10 फीसदी यूरिया है, केंद्र के पास जीएसटी का पूरा बकाया है, लेकिन केंद्र सहयोग नहीं कर रहा. उन्होंने अपनी तरफ से किसानों को दी जा रही सहायता का जिक्र किया और कहा कि उम्मीद है कि केंद्र सरकार हमारे लिए खड़ी होगी.