नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने कानपुर दौरे पर हैं. उन्होंने आईआईटी कानपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह में शिरकत की.
इस दौरान उन्होंने कहा, ये दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह Technology Driven है. इस दशक में भी टेक्नोलॉजी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है. बिना टेक्नोलॉजी के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा. ये जीवन और टेक्नोलॉजी की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे. आपने अपनी जवानी के इतने महत्वपूर्ण वर्ष टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट बनने में लगाए हैं. आपके लिए इससे बड़ा अवसर क्या होगा? आपके पास तो भारत के साथ ही पूरे विश्व में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में योगदान करने का बहुत बड़ा अवसर है. पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है. पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं.
पीएम मोदी की छात्रों को सलाह
आज से शुरू हुई यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताएंगे. लेकिन मेरी सलाह यही होगी कि आप comfort मत चुनना, challenge जरूर चुनना. क्योंकि, आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियां आनी ही हैं. जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं.
उन्होंने छात्रों से कहा, आपका प्रशिक्षण, कौशल और आज का ज्ञान निश्चित रूप से व्यावहारिक लक्ष्यों में अपना स्थान बनाने में आपकी सहायता करेगा. आपने यहां जो व्यक्तित्व विकसित किया है, वह आपको समग्र रूप से समाज की सेवा करने और अपने राष्ट्र को सशक्त बनाने की शक्ति देगा.
पीएम मोदी ने कहा, 1930 में दांडी मार्च ने स्वतंत्रता आंदोलन को एक दिशा दी थी. उस युग के युवा प्रेरित थे और उन्होंने 1947 में भारत की स्वतंत्रता को परिभाषित किया - यह उनके लिए उनका स्वर्णिम चरण था. आप भी अपने जीवन के ऐसे ही सुनहरे युग में कदम रख रहे हैं. अमृत महोत्सव की इस घड़ी में जब आप आईआईटी की लेगसी लेकर निकल रहे हैं, तो उन सपनों को भी लेकर निकले कि 2047 में भारत कैसा होगा. आने वाले 25 सालों में भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है.
स्वामी विवेकानंद को किया याद
पीएम मोदी ने कहा, स्वामी विवेकानंद ने कहा था- Every nation has a message to deliver, a mission to fulfill, a destiny to reach. यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी Destiny तक कैसे पहुंचेगा? आप ये कर सकते हैं, मेरा आप पर भरोसा है. मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें. आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे.
अटल इनोवेशन मिशन और पीएम रिसर्च स्कॉलरशिप जैसी पहलों से देश युवाओं के लिए एक नई राह प्रशस्त कर रहा है. नई शिक्षा नीति के साथ, हम अगली पीढ़ी को भविष्यवादी स्वभाव (futuristic temperament) के साथ विकसित कर रहे हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार किया गया है और नीतिगत रुकावटें दूर की गई हैं. परिणाम हम सभी के देखने के लिए यहां हैं. कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियां Global बनें, भारत के Product Global बनें. जो IITs को जानता है, यहां के टैलेंट को जानता है, यहां के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है, वो ये विश्वास करता है ये IIT के नौजवान जरूर करेंगे.
उन्होंने कहा, आज कानपुर के लिए दोहरी खुशी का दिन है. आज एक तरफ कानपुर को मेट्रो जैसी सुविधा मिल रही है. वहीं दूसरी और टेक्नोलॉजी की दुनिया को आईआईटी कानपुर से आप जैसे अनमोल उपहार भी मिल रहे हैं. आज जिन विद्यार्थियों को सम्मान मिला है, उन्हें बहुत-बहुत बधाई. आज आप जहां पहुंचे हैं, आपने जो योग्यता हासिल की है, उसके पीछे आपके माता पिता, आपके परिवार के लोग और आपके अध्यापकों जैसे अनेकों लोग होंगे.
कानपुर भारत के उन चुनिंदा शहरों में से है, जो इतना विविध है. सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक, नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक, इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की, उस गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं.