अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात में साबरमती रिवरफ्रंट पर खादी उत्सव में शामिल हुए. यहां उन्होंने हजारों महिलाओं और पुरुषों के बीच उपस्थित रहकर चरखा चलाया. इसके बाद रिवरफ्रंट के पास बने एलिस ब्रिज और सरदार ब्रिज के बीच बेहतरीन फुट ओवर ब्रिज 'अटल ब्रिज' का उद्घाटन किया. जैसा कि भारत ने पिछले हफ्ते अपनी आजादी के 75 साल पूरे किए, अहमदाबाद के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल साबरमती रिवरफ्रंट ने भी एक दशक पूरा कर लिया. पर्यटकों और आगंतुकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए एलिस ब्रिज और सरदार ब्रिज के बीच इस फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खादी प्रेरणा का स्रोत हो सकती है. उन्होंने अफसोस जताया कि कभी आत्मसम्मान का प्रतीक रही खादी के साथ (देश की) आजादी के बाद दोयम दर्जे के उत्पाद जैसा व्यवहार किया गया. मोदी ने अपने संबोधन में उल्लेख किया कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के दौरान शनिवार को करीब 7,500 महिलाओं ने कार्यक्रम में एक साथ चरखा चला कर एक कीर्तिमान बनाया है.
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#WATCH | PM Narendra Modi attends 'Khadi Utsav' event in Ahmedabad, Gujarat pic.twitter.com/WEWqUsuicd
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उन्होंने कहा, 'इतिहास गवाह है कि खादी स्वतंत्रता संघर्ष के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन गयी और गुलामी की बेड़ियां तोड़ डाली। इसी तरह से खादी भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने, आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान खादी को आत्मसम्मान का प्रतीक बना दिया था. मोदी ने कहा, 'आजादी के बाद इसी खादी के साथ दोयम दर्जे के उत्पाद जैसा व्यवहार किया गया. इसके चलते खादी एवं ग्रामोद्योग नष्ट हो गया तथा इससे हमारे बुनकर प्रभावित हुए.' उन्होंने कहा कि आजादी के बाद खादी की अनदेखी की गई जिसके चलते देश में बुनकरों की स्थिति खराब हो गई.
अटल ब्रिज की विशेषताएं: 300 मीटर का यह पुल साबरमती रिवरफ्रंट के पूर्व और पश्चिम की ओर को जोड़ता है. एक बयान में कहा गया है, 'यह पुल मल्टी लेवल कार पार्किंग और ईस्ट और वेस्ट बैंक पर विभिन्न सार्वजनिक विकास को फ्लावर पार्क और वेस्ट बैंक के इवेंट ग्राउंड के बीच प्लाजा से ईस्ट बैंक पर प्रस्तावित कला, सांस्कृतिक, प्रदर्शनी केंद्र तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.' पुल अपने डिजाइन और तकनीकी दोनों दृष्टि से अद्वितीय है. इतना ही नहीं तकनीकी दृष्टि से नदी के साथ-साथ शहर की स्थिति और सुंदरता में भी वृद्धि करेगा. इसे इंजीनियरिंग चमत्कार का नमूना भी कहा जा सकता है. ये फुटओवर ब्रिज आम लोगों को ना केवल सहूलियत देगा बल्कि अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट की ख़ूबसूरती में चार चांद भी लगा देगा.
इसके अलावा रविवार को प्रधानमंत्री कच्छ के अंजार कस्बे में 'वीर बालक स्मारक' का उद्घाटन करेंगे. गुजरात में 26 जनवरी 2001 में भूकंप के दौरान कच्छ के अंजार शहर में एक रैली में भाग लेने के दौरान 185 स्कूली बच्चे और 20 शिक्षक पास की इमारतों के मलबे के नीचे दब गए थे. इस घटना की त्रासदी पूरी दुनिया में देखी गई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बच्चों की याद में स्मारक बनाने की घोषणा की थी.
अब यह स्मारक अंजार शहर के बाहर बनकर तैयार है और प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में इस स्मारक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. उद्घाटन में शामिल होने के लिए मृतक के परिवार के 100 सदस्यों को आमंत्रित किया गया है.