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कश्मीर में हेल्थ सेक्टर को लगेंगे पंख, घाटी में तीन मेडिकल सिटी बनाने की तैयारी - कश्मीर में निवेश

जम्मू-कश्मीर में निवेशकोंं को आकर्षित करने के सरकारी प्रयासों को अब सफलता मिलने लगी. कई इन्वेस्टर्स ने संघशासित राज्य में निवेश की इच्छा जताई है. इस कड़ी में सरकार तीन मेडिकल सिटी बनाने की तैयारी कर रही है.

three medi cities in Kashmir
three medi cities in Kashmir
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Published : May 5, 2022, 9:54 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सरकार तीन मेडिकल सिटी (medi-city) डिवेलप करने की तैयारी कर रही है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में कई इन्वेस्टर्स ने निवेश की इच्छा जताई है, इसलिए सरकार ने मेडि-सिटी के लिए तीन जगहों पर जमीन की पहचान की है. मेडि सिटी बनाने के लिए बेमिना श्रीनगर, पुलवामा और लेल्हाड़ी में निवेशकों को जमीन दी जा रही है. इसके बनने के बाद जहां राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में इजाफा होगा, वहीं लोगों को इलाज की सहूलियतें भी मिलेंगी.

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद यहां न सिर्फ निवेशक आकर्षित हो रहे हैं बल्कि निवेशक भी निवेश में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. जबकि कई निवेशकों ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करना शुरू कर दिया है. सरकार को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों के दौरान राज्य में 3,800 करोड़ रुपये के निवेश होगा. निवेशकों की रुचि और राज्य में हेल्थ सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कश्मीर घाटी में तीन मेडी सिटी स्थापित करने की योजना बनाई है. प्रस्तावित मेडी सिटीज के लिए तीन स्थानों पर भूमि की पहचान की गई है. इसके लिए बेमिना श्रीनगर, पुलवामा और लेल्हाड़ी में निवेशकों को जमीन आवंटित की जा रही है.

सरकार का कहना है कि हेल्थ सर्विस सेक्टर में यह पहला प्रोजेक्ट है. इससे न सिर्फ लोगों के लिए अस्पतालों में बेड की सुविधा बढ़ेगी बल्कि एमबीबीएस सीटों की संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी होगी. घाटी के लोग मेडी सिटी को लेकर उत्साहित हैं . उनका कहना है कि अगर इस तरह के प्रोजेक्ट को ठीक से लागू किया जाता है, तो इससे चिकित्सा सुविधाओं में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे.

इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अनुसार, मेडि सिटी में तीन तरह के प्रोजेक्ट के लिए निवेश किया जा रहा है. इसमें 200 से अधिक बेड वाले हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे. दूसरी कैटिगरी 200 से कम बेड वाले हॉस्पिटल की होगी. इसके अलावा मेडिकल और पैरामेडिकल कॉलेजों का भी निर्माण किया जाएगा. इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अनुसार, इन तीनों कैटिगरी में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, दंत चिकित्सा, आयुर्वेदिक कॉलेज और आयुष केंद्र के साथ ही रिसर्च सेंटर भी बनाए जाएंगे. यदि कश्मीर घाटी में स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए यह नई परियोजना समय पर लागू की जाती है, तो यह निकट भविष्य में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करके लोगों को राहत देगी.

पढ़ें : जम्मू कश्मीर परिसीमन: कश्मीरी पंडितों के लिए सीट रिजर्व, जम्मू के लिए भी बढ़ीं 6 सीटें

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सरकार तीन मेडिकल सिटी (medi-city) डिवेलप करने की तैयारी कर रही है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में कई इन्वेस्टर्स ने निवेश की इच्छा जताई है, इसलिए सरकार ने मेडि-सिटी के लिए तीन जगहों पर जमीन की पहचान की है. मेडि सिटी बनाने के लिए बेमिना श्रीनगर, पुलवामा और लेल्हाड़ी में निवेशकों को जमीन दी जा रही है. इसके बनने के बाद जहां राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में इजाफा होगा, वहीं लोगों को इलाज की सहूलियतें भी मिलेंगी.

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद यहां न सिर्फ निवेशक आकर्षित हो रहे हैं बल्कि निवेशक भी निवेश में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. जबकि कई निवेशकों ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करना शुरू कर दिया है. सरकार को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों के दौरान राज्य में 3,800 करोड़ रुपये के निवेश होगा. निवेशकों की रुचि और राज्य में हेल्थ सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कश्मीर घाटी में तीन मेडी सिटी स्थापित करने की योजना बनाई है. प्रस्तावित मेडी सिटीज के लिए तीन स्थानों पर भूमि की पहचान की गई है. इसके लिए बेमिना श्रीनगर, पुलवामा और लेल्हाड़ी में निवेशकों को जमीन आवंटित की जा रही है.

सरकार का कहना है कि हेल्थ सर्विस सेक्टर में यह पहला प्रोजेक्ट है. इससे न सिर्फ लोगों के लिए अस्पतालों में बेड की सुविधा बढ़ेगी बल्कि एमबीबीएस सीटों की संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी होगी. घाटी के लोग मेडी सिटी को लेकर उत्साहित हैं . उनका कहना है कि अगर इस तरह के प्रोजेक्ट को ठीक से लागू किया जाता है, तो इससे चिकित्सा सुविधाओं में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे.

इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अनुसार, मेडि सिटी में तीन तरह के प्रोजेक्ट के लिए निवेश किया जा रहा है. इसमें 200 से अधिक बेड वाले हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे. दूसरी कैटिगरी 200 से कम बेड वाले हॉस्पिटल की होगी. इसके अलावा मेडिकल और पैरामेडिकल कॉलेजों का भी निर्माण किया जाएगा. इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अनुसार, इन तीनों कैटिगरी में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, दंत चिकित्सा, आयुर्वेदिक कॉलेज और आयुष केंद्र के साथ ही रिसर्च सेंटर भी बनाए जाएंगे. यदि कश्मीर घाटी में स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए यह नई परियोजना समय पर लागू की जाती है, तो यह निकट भविष्य में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करके लोगों को राहत देगी.

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