श्रीनगर : पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (PDP president and former chief minister Mehbooba Muft) ने जम्मू-कश्मीर की पहचान की रक्षा और मौजूदा हालात से संघर्ष को चुनाव की सबसे बड़ी परीक्षा बताया. महबूबा ने कहा कि मौजूदा हालात में पीडीपी में शामिल होना आग से खेलने जैसा है.
महबूबा मुफ्ती ने गुपकार स्थित आधिकारिक आवास पर एक समारोह के दौरान कहा कि पीडीपी का लक्ष्य चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि चुनाव की सबसे बड़ी परीक्षा मौजूदा स्थिति, राउंड-अप और उत्पीड़न का सामना करना है.
उन्होंने कहा कि न केवल जम्मू-कश्मीर की पहचान को नष्ट किया जा रहा है, बल्कि इसके अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की जा रही है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों का सामना करने की जरूरत है ताकि जम्मू-कश्मीर की पहचान और यहां के लोगों की पहचान बनी रहे.
'क्या कश्मीरियों का जीवन मायने रखता है' : वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने रविवार को आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से कश्मीरी मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हो रही हैं जो चिंताजनक हैं. पार्टी ने अपने मासिक न्यूजलेटर 'स्पीक-अप' में कहा, 'कुछ हफ्ते पहले, अखनूर के एक कॉलेज में बजरंग दल के 'गुंडों' ने छापा मारा था क्योंकि उन्हें परिसर में मुस्लिम छात्रों के नमाज अदा करने का पता चला था. उन्होंने छात्रों को धमकाया...'
महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों में जो हो रहा है वही आखिरकार कश्मीर में हो रहा है और मुसलमानों के साथ वैसा ही व्यवहार किया जा रहा है जो भारत के अन्य स्थानों पर किया जा रहा है.
पार्टी ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, हम मदद नहीं कर सकते लेकिन पूछ सकते हैं - क्या कश्मीरियों का जीवन मायने रखता है?'
पीडीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के भारतीय जनता पार्टी के दावों के विपरीत लक्षित हत्याओं में वृद्धि ने शोपियां और घाटी के अन्य हिस्सों में कश्मीरी पंडित परिवारों को जम्मू जाने के लिए मजबूर कर दिया है.
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(एक्स्ट्रा इनपुट पीटीआई-भाषा)