नई दिल्ली : पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (Pakistan's National Assembly) ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से रहीम यार खान (Rahim Yar Khan) में मंदिर पर हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री (Minister of State ) अली मुहम्मद खान (Ali Muhammad Khan) द्वारा नेशनल असेंबली में प्रस्ताव पेश किया गया है. खान ने नेशनल असेंबली में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा, 'हम मुसलमानों और इंसानों के रूप में इस घटना से दुखी हैं और यह कहते हुए कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसका इस्लाम या मानवता से कोई लेना-देना नहीं है और हम सभी इस मुद्दे पर एक हैं.'
उन्होंने कहा कि संसद अल्पसंख्यकों के अधिकारों (rights of minorities) की रक्षा और प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनके पूजा स्थलों की पूरी सुरक्षा करें.'
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ہمیں پاکستانی قوم کو نسل، رنگ یا عقیدے کی بنیاد پر نشانہ بنانے والے عناصر کے خلاف اٹھ کھڑا ہونا چاہئے،
انشاءاللہ پاکستان کا مستقبل ایک ایسے ترقی پسند ملک کا ہے جہاں اقلیتیں مکمل طور پر محفوظ ہوں@fawadchaudhry pic.twitter.com/B4onE2SZGW
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ہمیں پاکستانی قوم کو نسل، رنگ یا عقیدے کی بنیاد پر نشانہ بنانے والے عناصر کے خلاف اٹھ کھڑا ہونا چاہئے،
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यह डेवलमेंट भारत द्वारा गुरुवार को हिंदू मंदिर (Hindu temple ) पर भीड़ के हमले पर गहरी चिंता व्यक्त करने के बाद आया है, जिसमें भारत ने कहा कि पाकिस्तान में पूजा स्थलों (places of worship) पर हमलों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा, भेदभाव और उत्पीड़न की घटनाएं 'बेरोकटोक' जारी हैं.
इस बीच, इस मामले का संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of Pakistan) गुलजार अहमद (Gulzar Ahmed ) ने शुक्रवार, छह अगस्त को इस्लामाबाद में मुख्य सचिव पंजाब (Chief Secretary Punjab) और आईजीपी पंजाब को रिपोर्ट के साथ पेश होने के निर्देश के साथ मामले को अदालत के समक्ष रखा है.
उन्होंने डॉ रमेश कुमार (Dr Ramesh Kumar), एमएनए और संरक्षक इन चीफ पाकिस्तान हिंदू काउंसिल (chief Pakistan Hindu Council) को भी तलब किया है. इसके अलावा, शुक्रवार को पाकिस्तान के सूचना मंत्री (Pakistan's Information Minister ) फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry ) ने हिंदू मंदिर पर हालिया हमले की निंदा की है और कहा है कि जिन्होंने हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाओं (religious sentiments) को आहत किया है. वह कड़ी सजा का पात्र हैं. पाकिस्तान भारत नहीं है जहां फासीवादी सरकार है.
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नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग को भी गुरुवार दोपहर को तलब किया गया था और इस निंदनीय घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए एक कड़ा विरोध दर्ज किया. इस दौरान विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता (freedom of religion) और उनके धार्मिक पूजा स्थलों, भारत के बाहरी हमलों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. भारत ने आगे पाकिस्तान से अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया.