अमृतसर : कोरोना महामारी के कारण कई देशों ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं. इसके चलते कई लोग दूसरे देशों में फंसे हुए हैं. लेकिन, अब जबकि लॉकडाउन खुल गया है, कुछ लोगों को अभी भी अपने देश में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. इसी तरह पाकिस्तान से भारत आया एक परिवार घर जाने को तरस रहा है, लेकिन पाकिस्तान सरकार उन्हें देश में प्रवेश नहीं करने दे रही है. परिवार ने अधिकारियों से परिजनों तक पहुंचने का आग्रह कर रहा है, लेकिन उन्हें सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
'बिना पासपोर्ट के नहीं मिली एंट्री'
दरअसल, पाकिस्तान से आया परिवार पिछले ढाई महीने से अमृतसर में अटारी-वाघा बॉर्डर पर कोरोना और लॉकडाउन के चलते फंसा हुआ था. इस बीच, परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ. इलस कारण परिवार को सीमा पार करने से रोक दिया गया. क्योंकि नवजात के पास पासपोर्ट नहीं था. इसके चलते परिवार को बच्चे को लेकर पाकिस्तान नहीं आने दिया गया.
बच्चे का नाम रखा गया 'बॉर्डर'
पाकिस्तान के राजनपुरा गांव के रहने वाले बालम राम ने कहा कि उनकी पत्नी को दो दिसंबर को प्रसव पीड़ा हुई थी. इसके चलते उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में बालम राम ने अपने बेटे का नाम बॉर्डर रखने का फैसला किया. उसने कहा कि उसका बेटा बड़ा होकर याद रखेगा कि उसका नाम कैसे रखा गया.
केंद्र सरकार से पाकिस्तान भेजने की अपील
बालम राम ने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है और न ही पैसे हैं, लेकिन सीमा अधिकारियों का कहना है कि बच्चे का पासपोर्ट बनाया जाए. तभी आप पाकिस्तान जा सकते हैं.
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बालम राम कहते हैं कि हमारे पास पासपोर्ट बनाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं, हम पासपोर्ट कैसे बना सकते हैं. हम प्रशासन से अपील करते हैं कि बाकी परिवार पाकिस्तान जा रहे हैं और हमें किसी तरह उनके साथ अपने वतन वापस भेज दिया जाए, ताकि हम अपने वतन वापस जा सकें.
कोरोना की वजह से भारत में फंसा एक पाकिस्तानी समूह
ऐसा माना जाता है कि दूसरे कोरोना काल से पहले हिंदुओं का एक समूह पाकिस्तान से भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने और हिंदू मंदिरों के दर्शन करने आया था. हालांकि, अपने वीजा की अवधि समाप्त होने और अधूरे दस्तावेजों के कारण वह भारत नहीं लौट सका.