ETV Bharat / bharat

'कोरोना काल में जान गंवाने वाले निजी डॉक्टर को नहीं मिलेगा पीएम मोदी की इस योजना का लाभ' - Mumbai High Court

कोरोना काल में जान गंवाने वाले एक डॉक्टर की पत्नी की याचिका को खारिज करते हुए मुंबई हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है की कोरोना में जान गंवाने वाले सभी निजी डॉक्टर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के दायरे में नहीं आते हैं.

highcourt
highcourt
author img

By

Published : Mar 10, 2021, 3:50 PM IST

मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोरोना में जान गंवाने वाले एक डॉक्टर की पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है की कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले सभी निजी डॉक्टर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के दायरे में नहीं आते हैं. सिर्फ सरकार द्वारा नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है.

मंगलवार को हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है की जिन निजी डॉक्टरों को सरकार की ओर से आग्रह भेजा गया था, केवल वो डॉक्टर ही पीएमजीकेपी के पात्र हैं. जिसके बाद हाई कोर्ट ने कोरोना में जान गंवाने वाले डॉक्टर की विधवा पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया.

पढ़ें : फ्लाइट में करें कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का पालन, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

बता दें की नवी मुंबई में काम करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर भास्कर सुरगडे की मृत्यु 10 जून, 2020 को हुई थी.

इसके बाद उनकी पत्नी ने मुआवजे की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में सुरगडे की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति एक आयुर्वेदिक डॉक्टर थे, उनका नवी मुंबई इलाके में एक निजी दवाखाना था. कोरोना संक्रमण के चलते भास्कर सुरगडे ने अपना क्लीनिक बंद कर दिया था.

पढ़ें : दिल्ली हाई कोर्ट से महबूबा को राहत, समन पर लगी रोक

31 मार्च 2020 को नवी मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त ने उन्हें एक नोटिस भेजा था, जिसमें उन्हें क्लीनिक खोलने का आदेश दिया गया था और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा.

मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोरोना में जान गंवाने वाले एक डॉक्टर की पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है की कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले सभी निजी डॉक्टर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के दायरे में नहीं आते हैं. सिर्फ सरकार द्वारा नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है.

मंगलवार को हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है की जिन निजी डॉक्टरों को सरकार की ओर से आग्रह भेजा गया था, केवल वो डॉक्टर ही पीएमजीकेपी के पात्र हैं. जिसके बाद हाई कोर्ट ने कोरोना में जान गंवाने वाले डॉक्टर की विधवा पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया.

पढ़ें : फ्लाइट में करें कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का पालन, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

बता दें की नवी मुंबई में काम करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर भास्कर सुरगडे की मृत्यु 10 जून, 2020 को हुई थी.

इसके बाद उनकी पत्नी ने मुआवजे की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में सुरगडे की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति एक आयुर्वेदिक डॉक्टर थे, उनका नवी मुंबई इलाके में एक निजी दवाखाना था. कोरोना संक्रमण के चलते भास्कर सुरगडे ने अपना क्लीनिक बंद कर दिया था.

पढ़ें : दिल्ली हाई कोर्ट से महबूबा को राहत, समन पर लगी रोक

31 मार्च 2020 को नवी मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त ने उन्हें एक नोटिस भेजा था, जिसमें उन्हें क्लीनिक खोलने का आदेश दिया गया था और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.