पानीपत: आपने फिल्मी पर्दे से लेकर टीवी सीरियल और ओटीटी की सीरीज तक क्राइम की रोंगटे खड़े करने वाली कई कहानियां देखी होंगी. लेकिन पानीपत कोर्ट ने हत्या के एक ऐसे मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जिसकी हकीकत सुनकर अच्छे अच्छे क्राइम सीरियल की कहानी फेल हो जाएगी.
कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई- बुधवार को पानीपत कोर्ट ने ज्योति नाम की युवती को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जिसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर एक लड़की की हत्या की थी. मामला साल 2017 का है, जिसमें 6 साल बाद कोर्ट ने सजा सुनाई है. लेकिन सुनने में ये हत्या का जितना सीधा मामला लगता है इसकी हकीकत उतनी ही हैरान करने वाली है.
मर्डर मिस्ट्री की पटकथा- पानीपत के कॉलेज में पढ़ने वाली ज्योति और कृष्ण एक दूसरे से प्यार करते थे. ज्योति थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी और कृष्ण NSS का इंचार्ज था. दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे. जिसके बाद इन दोनों ने क्राइम पेट्रोल टीवी सीरियल देखकर एक खौफनाक साजिश रच डाली. दोनों अलग-अलग कॉलेजों में थे, सो दोनों ने एक खौफनाक प्लान बनाया और उसे हकीकत में तब्दील करने के लिए कॉलेज में ज्योति की तरह दिखने और कद काठी वाली लड़की की तलाश शुरू कर दी.
5 सितंबर 2017 को मर्डर- दोनों की तलाश सिमरन नाम की एक लड़की पर आकर रुकी, जो एनसीसी कैडेट थी और कृष्ण को NSS इंचार्ज होने के नाते जानती थी. 5 सितंबर 2017 को कृष्ण ने सिमरन को रिहर्सल के बहाने जीटी रोड़ के पास गौशाला में बुलाया. जहां ज्योति ने सिमरन को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद ज्योति ने अपने कपड़े सिमरन को पहना दिए और फिर तेजाब डालकर चेहरा जला दिया. ज्योति ने खुद से जुड़े कुछ कागजात भी शव के पास रख दिए ताकि शिनाख्त के वक्त परिजन इसे उसका ही शव मान लें. हुआ भी ऐसा ही, ज्योति के परिजनों ने शव की शिनाख्त की और अंतिम संस्कार कर दिया.
नीले रंग के धागे और नोज़ पिन से सुलझी मर्डर मिस्ट्री- कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और क्रिमिनल कितना भी शातिर क्यों ना हो, कोई ना कोई सुराग छोड़ता है. सुनने में भले फिल्मी डायलॉग हो लेकिन ये हकीकत भी है. हत्या के बाद कृष्ण और ज्योति दोनों फरार हो गए और शिमला के एक होटल में रहने पहुंच गए. उधर सिमरन के पिता अशोक दुबे ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पानीपत पुलिस में दर्ज करवाई थी. पुलिस ने शक के आधार पर सिमरन के पिता को 5 सितंबर को मिले उस शव की तस्वीरें दिखाई जिसका ज्योति के परिजनों ने अपनी बेटी मानकर अंतिम संस्कार कर दिया था.
सिमरन की मां ऊषा दुबे ने शव के हाथ में नीले रंग के धागे और नाक में पहनी पिन (नोज़ पिन) से अपनी बेटी की शिनाख्त की. ज्योति और कृष्ण ने सिमरन के कपड़े तो बदल दिए थे लेकिन हाथ में बंधा नीले रंग का धागा और नोज पिन निकालना भूल गए और ये छोटे से सुराग ने इस मर्डर मिस्ट्री को अंजाम तक पहुंचा दिया. अब पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर ज्योति और कृष्ण की तलाश शुरू कर दी थी. मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने शिमला के होटल में पहुंचकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
कृष्ण की जेल में मौत, ज्योति को जिंदगी भर की जेल- साल 2020 में ट्रायल के दौरान ही कृष्ण की जेल में टीबी से मौत हो गई. इस दौरान कुल 26 लोगों की गवाही हुई और कोर्ट ने मंगलवार 28 मार्च को ज्योति को दोषी करार दे दिया. बुधवार को कोर्ट ने ज्योति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 70 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया.
'मेरी बेटी को मिला इंसाफ'- कोर्ट के फैसले के बाद सिमरन की मां ऊषा दुबे ने कहा कि आज मेरी बेटी को इंसाफ मिला है. मेरी बेटी तो बेकसूर थी, उसे तो अपने साथ हो रहे षडयंत्र के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था. ऊषा दुबे कहती हैं कि मेरी बेटी की हत्या करने वाली ज्योति को आजीवन कारावास मिली है. आज मैं खुश हूं क्योंकि मेरी बेटी के हत्यारे को सजा मिली है.
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