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यूपी सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दलील, पंजाब पुलिस की मुख्तार अंसारी से मिलीभगत - पंजाब पुलिस की अंसारी से मिलीभगत

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुख्तार अंसारी पंजाब जेल के अंदर अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और वहां के अधिकारी स्वेच्छा से इसकी अनदेखी कर रहे हैं. यूपी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि पंजाब पुलिस की अंसारी से मिलीभगत है और वह न्यायिक व्यवस्था को चकमा दे रहा है.

Mukhtar
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Published : Mar 3, 2021, 4:15 PM IST

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुआई वाली पीठ मुख्तार अंसारी केस को पंजाब से दिल्ली स्थानांतरित करने से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी. अंसारी अपने मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करना चाहता है, लेकिन यूपी पुलिस उसे अपने अधिकारियों के अधीन करना चाहता है.

यूपी सरकार की ओर से एसजी मेहता अदालत के सामने पेश हुए और कहा कि ऐसा लगता है मानों यह किसी हिंदी फिल्म की स्क्रिप्ट है. एक व्यक्ति के खिलाफ 30 मामले हैं और हम यह देख रहे हैं कि कैसे एक व्यक्ति पूरी न्यायिक व्यवस्था का माखौल उड़ा रहा है.

एसजी ने कहा कि पहले उन्हें न्यायिक आदेश के बिना यूपी से बाहर ले जाया गया और अब दो साल से पंजाब में हैं. पंजाब ने कुछ नहीं किया है. चिकित्सा स्थिति के दावों पर पलटवार करते हुए एसजी मेहता ने तर्क दिया कि उनकी चिकित्सा रिपोर्ट में गले में खराश, पीठ दर्द आदि जैसे कुछ मामूली बीमारियां हैं, जिनसे हर कोई गुजरता है.

यह भी पढ़ें-MCD उपचुनाव : पांच में से चार सीटों पर आप जीती, कांग्रेस के हिस्से में एक सीट, भाजपा की बड़ी हार

अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि वे अपने मामलों को यूपी के अलावा किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि दो सप्ताह पहले यूपी पुलिस ने कुछ लोगों को मुठभेड़ में मार गिराया. अंसारी ने अपनी जान को खतरा होने का हवाला देते हुए कहा कि अगर उन्हें दिल्ली स्थानांतरित किया जाएगा, तो पंजाब में उनके रहने की यूपी की शिकायत का हल हो जाएगा.

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुआई वाली पीठ मुख्तार अंसारी केस को पंजाब से दिल्ली स्थानांतरित करने से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी. अंसारी अपने मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करना चाहता है, लेकिन यूपी पुलिस उसे अपने अधिकारियों के अधीन करना चाहता है.

यूपी सरकार की ओर से एसजी मेहता अदालत के सामने पेश हुए और कहा कि ऐसा लगता है मानों यह किसी हिंदी फिल्म की स्क्रिप्ट है. एक व्यक्ति के खिलाफ 30 मामले हैं और हम यह देख रहे हैं कि कैसे एक व्यक्ति पूरी न्यायिक व्यवस्था का माखौल उड़ा रहा है.

एसजी ने कहा कि पहले उन्हें न्यायिक आदेश के बिना यूपी से बाहर ले जाया गया और अब दो साल से पंजाब में हैं. पंजाब ने कुछ नहीं किया है. चिकित्सा स्थिति के दावों पर पलटवार करते हुए एसजी मेहता ने तर्क दिया कि उनकी चिकित्सा रिपोर्ट में गले में खराश, पीठ दर्द आदि जैसे कुछ मामूली बीमारियां हैं, जिनसे हर कोई गुजरता है.

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अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि वे अपने मामलों को यूपी के अलावा किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि दो सप्ताह पहले यूपी पुलिस ने कुछ लोगों को मुठभेड़ में मार गिराया. अंसारी ने अपनी जान को खतरा होने का हवाला देते हुए कहा कि अगर उन्हें दिल्ली स्थानांतरित किया जाएगा, तो पंजाब में उनके रहने की यूपी की शिकायत का हल हो जाएगा.

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