अलीराजपुर/नरसिंहपुर/विदिशा/खंडवा। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल अलीराजपुर में हाल ही में एक शादी खूब चर्चे में थी. इसमें तीन दुल्हनों ने एक ही दूल्हे के साथ एक ही मंडप में सात फेरे लिए थे. जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत नानपुर के पूर्व सरपंच समरथ सिंह मौर्य ने अपनी तीन प्रेमिकाओं से शादी रचाई थी. जिसको लेकर वह सुर्खियों में आए थे. अब एक बार फिर से पूर्व सरपंच चर्चाओं में आ गए, इनकी दो पत्नी एक सरपंच और एक पंच पद पर विजय हासिल की है.
15 साल बाद रचाई थी शादी: आदिवासी बाहुल जिले के नानपुर गांव में एक अनोखा विवाह देखने में आया था. यहां एक ही मंडप में एक दूल्हे ने तीन दुल्हनों के साथ जीने-मरने की कसम खाई थी, ये अनोखी शादी नानपुर गांव के मोरी फलिए में हुई थी. दूल्हे समरथ ने दुल्हन नान बाई, मेला और सकरी के साथ एक ही मंडप में शादी की थी. दूल्हे समरथ को तीनों लड़कियों के साथ अलग-अलग समय पर प्यार हुआ था, 15 साल बाद दूल्हे ने तीनों के साथ शादी रचाई थी. (alirajpur unique marriage)
पूर्व सरपंच की दो पत्नियों ने जीत हासिल की: प्रदेश में पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आए हैं, जिसमें पूर्व सरपंच समरथ सिंह मौर्य की दो पत्नियों ने भी बाजी मारी है. उनकी तीन में से एक पत्नी ने ग्राम पंचायत का चुनाव जीता, जबकि दूसरी पत्नी ने पंच चुनाव में जीत हासिल की है. सकरी मौर्य ने ग्राम पंचायत का चुनाव जीता है (Alirajpur ex sarpanch wifes become panch). इस जीत की रणनीति समरथ ने ही बनाई थी. जबकि मेला मौर्य ने गांव के वार्ड क्रमांक 14 से पंच का चुनाव जीता है. इस जीत के बाद सरपंच परिवार में उत्साह है. दोनों पत्नियों ने समरथ मौर्य के साथ पहुंचकर जीत का प्रमाण पत्र लिया. सरपंच समेत इस ग्राम पंचायत में अब पंच के 20 में से 15 वार्ड में भाजपा ने जीते हैं. (Alirajpur ex sarpanch wifes become panch)
युवाओं के भरोसे गांव की सरकार: इस बार के पंचायत चुनाव में अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. गांव वाले इस बार पढ़े-लिखे लोगों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. साथ ही युवाओं पर भी ग्रामीण इस बार भरोसा कर रहे हैं. यही वजह है कि आधे से ज्यादा पंचायतों में ग्रामीणों ने युवाओं को सरपंच चुना है. चुनाव में युवाओं को खूब पसंद किया जा रहा है. (Village government relying on youth in MP)
माया 'पैडजीजी' के नाम से है फेमस: नरसिंहपुर की ग्राम पंचायत मेहरागांव में माया विश्वकर्मा निर्विरोध सरपंच बनी हैं (Narsinghpur Woman returned from America Elected Sarpanch). माया ने 2008 में पीएचडी की थी. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को से ब्लड कैंसर पर रिसर्च करने वाली माया अमेरिका में अच्छी जिंदगी जी रही थीं. जब वह भारत लौटीं तो उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वॉइन किया और नरसिंहपुर में ही काम करना शुरू किया. इस दौरान उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की समस्याओं को देखकर हाईजीन पैड की मुहिम चलाई, उन्हें पैडवुमन के नाम से जाना जाता है. माया ने महिलाओं की परेशानियों के बारे में पूरी रिसर्च की और फिर काम में जुट गईं. उन्होंने आसपास की गरीब बस्तियों की महिलाओं को माहवारी के दौरान पैड की उपयोगिता और लाभ के लिए जागरूक किया. इसलिए उन्हें 'पैडजीजी' के नाम से जाना जाता है. (Maya Vishwakarma become unopposed sarpanch in Narsinghpur)
अनिल बना युवा सरपंच: मध्य प्रदेश के विदिशा में एक युवक पंचायत चुनाव जीतकर सबसे युवा सरपंच बना है. ओबीसी वर्ग के इस युवा प्रत्याशी ने प्रदेश के दिग्गज बीजेपी नेता रामेश्वर शर्मा के भतीजे विवेक शर्मा को पराजित कर यह विजय हासिल की है. अधिकृत परिणामों की घोषणा के बाद अनिल को प्रमाण पत्र भी दे दिया गया है, मतगणना के बाद युवक की जीत का जश्न सिर्फ उसके परिवार के सदस्य ही नहीं बल्कि गांव के तमाम लोग मना रहे हैं. निर्वाचन आयोग से सरपंची की उम्र की सीमा मीनिमम 21 साल की रखी थी. सिरोंज तहसील के ग्राम पंचायत सरेखोह से जब अनिल ने अपना फार्म डाला था, उस दिन वह 21 वर्ष 6 दिन का हुआ था. अनिल भाजपा के युवा नेता हैं. (MP Yuva Sarpanch) (At age of 21 Anil won Sarpanchi in Sironj)
सरपंचों को मिला जीत का आशीर्वाद: खंडवा जनपद में 59 ग्राम पंचायतों में ज्यादातर युवा सरपंच चुने गए. इसमें कुछ युवा सरपंच 20 से 25 साल के हैं. ग्रामीणों ने अपने गांव के विकास के लिए इन युवाओं पर भरोसा दिखाया है (MP Panchayat Election Result). जितने भी युवा सरपंच चुने गए हैं, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को अच्छे अंतर से हराया भी है.(Khandwa youth of 20 to 25 years will do development work) ग्रामीणों ने इन सरपंचों को जीत का आशीर्वाद दिया है, अब यह युवा अपने गांव की मूलभूत समस्याओं के अलावा गांव को स्मार्ट गांव बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं. इनका जोर ग्रामीण शिक्षा, खेती के लिए पानी और गांव में स्ट्रीट लाइट पहुंचाने पर है. यह युवा सरपंच भी अब अपने ग्रामीणों के भरोसे पर खरा उतरने की बात कहते हैं. हालांकि अब देखना होगा कि यह युवा ग्रामीणों के भरोसे पर कितना खरा उतरते हैं. गांव की सरकार कितने विकास कार्य को करवा पाती है, अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा. (Khandwa youth make village government)