कोटा. राजस्थान के कोटा जिले के महाराव भीमसिंह अस्पताल में गुरुवार को अजीबो-गरीब वाकया सामने आया है, जहां एक व्यक्ति अस्पताल में लिफ्ट के जरिए स्कूटी लेकर दूसरी मंजिल पर पहुंच गया. यहां उसने ऑर्थोपेडिक ओपीडी में पहले से मौजूद घायल बेटे का इलाज करवाया और प्लास्टर बंधवाया. बाद में स्कूटी को लिफ्ट से ही लेकर नीचे उतर गया.
वीडियो भी आया सामने : इस पूरे मामले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वकील मनोज जैन अपने बेटे को स्कूटी पर बैठा कर लिफ्ट में प्रवेश कर रहे हैं. साथ ही पैदल-पैदल उनकी पत्नी भी साथ चल रही हैं. इस पूरे मामले पर अस्पताल के स्टाफ ने आपत्ति जताई और हंगामा खड़ा किया. इस दौरान मरीज के परिजन और अस्पताल के स्टाफ में जमकर बहस हुई. मौके पर एमबीएस अस्पताल चौकी पुलिस भी पहुंची और मामले को शांत करवाया.
चाबी छीनने पर हुआ हंगामा : एडवोकेट मनोज जैन का आरोप है कि उन्हें व्हीलचेयर नहीं मिली थी. इसके चलते वो बेटे को लेने के लिए स्कूटी से अंदर चले गए. उनका दावा है कि इसके लिए अस्पताल के किसी स्टाफ ने अनुमति भी दी थी. मनोज के मुताबिक अस्पताल के स्टाफ देवकीनंदन बंसल ने उनको रुकवाया था. साथ ही स्कूटी की चाबी निकाल ली. इस बात को लेकर उनके और स्टाफ में जमकर बहस हुई. सूचना मिलने पर एमबीएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. करनेश गोयल भी मौके पर पहुंचे थे.
एडवोकेट ने गलती की : हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने पहले मनोज की स्कूटी की चाबी दिलवाई, इसके बाद उनको जाने दिया. दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन इस पूरे मामले में इंक्वायरी करवा रहा है. देवकीनंदन बंसल का दावा है कि एडवोकेट मनोज जैन ने मामले में माफी मांग ली थी और सभी अधिकारियों ने भी चाबी देने के लिए कहा था, इसलिए चाबी वापस दे दी. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गोयल का कहना है कि एडवोकेट ने गलती की है. इस तरह से लिफ्ट में वाहन ले जाना गलत है.