मैसूर: कर्नाटक में लोको पायलट (चालक) की सतर्कता से नंजनगुडु और कड़ाकोला रेलवे स्टेशनों के बीच ट्रैक पर एक संभावित दुर्घटना टल गया. यह घटना 12 नवंबर की शाम की है. रेलवे इंजन के ड्राइवर की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण हजारों यात्रियों की जान बच गई और ट्रेन दुर्घटना का दुर्भावनापूर्ण प्रयास विफल हो गया. यह घटना देर से सामने आई.
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने घटना के सिलसिले में तीन आरोपियों सोमाय मरांडी (22), भजनु मुर्मू और दासमथ मरांडी को गिरफ्तार किया है. तीनों ने जानबूझकर पटरियों पर लोहे के स्लीपर और लकड़ी के हिस्से रख दिए. लोको पायलट ने देखा कि पटरी पर कुछ वस्तुएं हैं और उसने तुरंत ट्रेन रोक दी.
सूचना मिलने पर मैसूर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सहायक रक्षा आयुक्त एमएनए खान, पोस्ट कमांडर केवी वेंकटेश की टीम आरपीएफ डॉग टीम के साथ मौके पर पहुंची और जांच की. इस दौरान सोमाय मरांडी को पकड़ा. वह जलडीहा, बांगिरिपोसी, मयूरबंज, ओडिशा का रहने वाला है. पूछताछ में आरोपी सोमाय ने गुनाह कबूल किया. उसने कहा कि वह अपने साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था.
आरोपियों को आगे की जांच के लिए मैसूर रेलवे पुलिस को सौंप दिया गया है. 13 नवंबर, 2023 को रेलवे अधिनियम-1989 की धारा 150(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया. जांच जारी है और आजीवन कारावास की सजा संभव है. घटना के कारण ट्रेन संख्या 06275 कुछ समय के लिए बाधित रही.
मैसूर की मंडल रेल प्रबंधक शिल्पी अग्रवाल ने लोको पायलट की समय पर की गई कार्रवाई और सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और यात्रियों की सुरक्षा के बारे में जानकारी ली. अधिकारियों ने आम जनता को आगाह किया गया है कि वे पटरियों पर ऐसी गतिविधियों में शामिल न हों जिससे यात्रियों के लिए बड़ा खतरा हो और जानमाल की हानि हो. ऐसी गतिविधियों में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ रेलवे प्रशासन बेहद सख्त कार्रवाई करेगा.