नई दिल्ली : कांग्रेस नेता एवं विधायक नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के उन नेताओं में शामिल होंगे जो आज दिल्ली में पार्टी की तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात करेंगे. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सोमवार सुबह सबसे पहले सुनील जाखड़ ने समिति के सामने अपने विचार रखे. इसके बाद कई मंत्रियों समेत 20 से अधिक विधायक समिति के समक्ष पहुंचे. सूत्रों ने बताया कि यह समिति मंगलवार को भी पंजाब प्रदेश कांग्रेस के विधायकों एवं मंत्रियों की राय लेगी.
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह समिति मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बातचीत करेगी.
क्या है पूरा मामला
पार्टी नेताओं के एक धड़े ने वर्ष 2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में बेअदबी मामले के बाद हुई गोलीबारी की घटना में की गई कार्रवाई को लेकर असंतोष जाहिर किया था, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की तीन सदस्यीय समिति गठित की थी.
सिद्धू सीएम की कर रहे आलोचना
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने कोटकपुरा गोलीबारी मामले में जांच रद्द किए जाने के बाद सिद्धू लगातार इस मामले से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की आलोचना कर रहे हैं.
वहीं सोमवार (31 मई) को कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर उनकी राय सुनी.
तीन सदस्यीय समिति का कार्य
बता दें कि पंजाब कांग्रेस इकाई में जारी अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए इस समिति का गठन किया गया है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस समिति के प्रमुख हैं. कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.
इन सब बातों को देखते हुए सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी बृहस्पतिवार या शुक्रवार को समिति से मुलाकात कर सकते हैं.
समिति ने जाखड़ और 20 से अधिक विधायकों की राय ली
पंजाब कांग्रेस मामले को लेकर तीन सदस्यीय समिति ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर उनकी राय सुनी.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस के वाररूम में इस समिति ने सुबह 11 बजे से पंजाब कांग्रेस के विधायकों एवं मंत्रियों से मुलाकात का सिलसिला आरंभ किया और देर शाम तक करीब 25 नेताओं से बातचीत की गई.
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गौरतलब है कि हाल के कुछ हफ्तों में अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.