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कर्नाटक में परिवहन निगमों के कर्मचारियों की हड़ताल जारी, 152 करोड़ रुपये का नुकसान

कर्नाटक सरकार को वेतन संबंधी मुद्दों के चलते सात अप्रैल से जारी राज्य के परिवहन निगमों के कर्मचारियों की हड़ताल से 152 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने एक संदेश में कहा कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों की कोई भी मांग मानने को तैयार नहीं है.

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Published : Apr 14, 2021, 9:53 PM IST

152 करोड़ रुपये का नुकसान
152 करोड़ रुपये का नुकसान

बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार को वेतन संबंधी मुद्दों के चलते सात अप्रैल से जारी राज्य के परिवहन निगमों के कर्मचारियों की हड़ताल से 152 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

राज्य के परिवहन विभाग ने एक बयान में कहा गया है कि कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम 70 करोड़ रुपये, बेंगलोर मेट्रोपॉलिटन परिवहन निगम 20 करोड़ रुपये, उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन 30.5 करोड़ और उत्तर पूर्व कर्नाटक सड़क परिवहन निगम 31.5 करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुका है.

परिवहन विभाग चारों निगमों की कुल 17,000 बसों में से 3,024 बसें ही चला पा रहा है. इनमें 1,572 बसें केएसआरटीसी और 394 बसें बीएमटीसी की हैं.

सरकार ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को काम पर नहीं लौटने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है. हड़ताल में हिस्सा लेने के लिये कई प्रशिक्षुओं और परीवीक्षा कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है.

पढ़ें : बीएमटीसी ने बदले ड्यूटी के नियम, महिला कंडक्टरों को मिलेगी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने एक संदेश में कहा कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों की कोई भी मांग मानने को तैयार नहीं है.

बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार को वेतन संबंधी मुद्दों के चलते सात अप्रैल से जारी राज्य के परिवहन निगमों के कर्मचारियों की हड़ताल से 152 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

राज्य के परिवहन विभाग ने एक बयान में कहा गया है कि कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम 70 करोड़ रुपये, बेंगलोर मेट्रोपॉलिटन परिवहन निगम 20 करोड़ रुपये, उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन 30.5 करोड़ और उत्तर पूर्व कर्नाटक सड़क परिवहन निगम 31.5 करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुका है.

परिवहन विभाग चारों निगमों की कुल 17,000 बसों में से 3,024 बसें ही चला पा रहा है. इनमें 1,572 बसें केएसआरटीसी और 394 बसें बीएमटीसी की हैं.

सरकार ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को काम पर नहीं लौटने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है. हड़ताल में हिस्सा लेने के लिये कई प्रशिक्षुओं और परीवीक्षा कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है.

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मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने एक संदेश में कहा कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों की कोई भी मांग मानने को तैयार नहीं है.

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