ETV Bharat / bharat

सत्ता से दूर कुमारस्वामी को आई 'क्षेत्रवाद' की याद, बोले- एकता न होना खतरनाक

जनता दल (एस) नेता एचडी. कुमारस्वामी ने मंगलवार को केन्द्र द्वारा राज्य के साथ किए जा रहे भेदभाव और अन्याय पर रोक लगाने के लिए कर्नाटक के लोगों से क्षेत्रवाद पर जोर देने का आह्वान किया.

JDS leader
JDS leader
author img

By

Published : Jun 29, 2021, 5:17 PM IST

चन्नापटना (कर्नाटक) : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस तरह के मुद्दों पर राज्य के नेताओं में एकता की कमी को खतरनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया. जेडीएस नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसपर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. कुछ को छोड़कर हमारे ज्यादातर जनप्रतिनिधि राज्य से संबंधित मुद्दों के प्रति तटस्थता दिखाते हैं. हमारे सामने आज यह सबसे बड़ा खतरा है.

यहां पत्रकारों से बातचीत में कुमारस्वामी ने इंगित किया कि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में दोनों द्रविड़ पार्टियां अन्नद्रमुक और द्रमुक एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन मेकेदतु जैसे अपने राज्य के मुद्दों पर एकजुट होकर काम करती हैं. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि हमारे यहां वह एकजुटता नहीं है. जो उनके यहां है. अगर हमें केन्द्र के फैसलों के कारण हमारे साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़ा होना है, तो यह उस समय तक संभव नहीं है जब तक हम एकजुट होकर एक आवाज में ना लड़ें. हमारे साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने के लिए, राज्य के लोगों को क्षेत्रवाद की भावना को आगे बढ़ाना होगा.

जद (एस) नेता ने हाल ही में दावा किया कि दक्षिण भारत के अन्य राज्यों के तरह कर्नाटक भी 2023 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों को खारिज करेगा और क्षेत्रीय दल को चुनेगा. क्योंकि यहां के लोग नहीं चाहते हैं कि प्रशासन दिल्ली में बैठे लोगों द्वारा चलाया जाए.

यह भी पढ़ें-कथित धर्मांतरण की शिकार सिख युवती का उसके ही समुदाय के लड़के से हुआ विवाह

पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों जैसे तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय दलों का उदाहरण देते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि क्षेत्रीय दलों को ताकत मिलने पर ही लोगों की क्षेत्रीय पहचान और उनके अधिकारों की रक्षा हो सकेगी. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां लोगों के हितों के लिए अपनी आवाज और ताकत दोनों प्रदान कर रही हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसा हो रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

चन्नापटना (कर्नाटक) : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस तरह के मुद्दों पर राज्य के नेताओं में एकता की कमी को खतरनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया. जेडीएस नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसपर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. कुछ को छोड़कर हमारे ज्यादातर जनप्रतिनिधि राज्य से संबंधित मुद्दों के प्रति तटस्थता दिखाते हैं. हमारे सामने आज यह सबसे बड़ा खतरा है.

यहां पत्रकारों से बातचीत में कुमारस्वामी ने इंगित किया कि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में दोनों द्रविड़ पार्टियां अन्नद्रमुक और द्रमुक एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन मेकेदतु जैसे अपने राज्य के मुद्दों पर एकजुट होकर काम करती हैं. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि हमारे यहां वह एकजुटता नहीं है. जो उनके यहां है. अगर हमें केन्द्र के फैसलों के कारण हमारे साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़ा होना है, तो यह उस समय तक संभव नहीं है जब तक हम एकजुट होकर एक आवाज में ना लड़ें. हमारे साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने के लिए, राज्य के लोगों को क्षेत्रवाद की भावना को आगे बढ़ाना होगा.

जद (एस) नेता ने हाल ही में दावा किया कि दक्षिण भारत के अन्य राज्यों के तरह कर्नाटक भी 2023 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों को खारिज करेगा और क्षेत्रीय दल को चुनेगा. क्योंकि यहां के लोग नहीं चाहते हैं कि प्रशासन दिल्ली में बैठे लोगों द्वारा चलाया जाए.

यह भी पढ़ें-कथित धर्मांतरण की शिकार सिख युवती का उसके ही समुदाय के लड़के से हुआ विवाह

पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों जैसे तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय दलों का उदाहरण देते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि क्षेत्रीय दलों को ताकत मिलने पर ही लोगों की क्षेत्रीय पहचान और उनके अधिकारों की रक्षा हो सकेगी. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां लोगों के हितों के लिए अपनी आवाज और ताकत दोनों प्रदान कर रही हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसा हो रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.