तिरुपति: देश में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बढ़ते मामलों ने दहशत फैला दी है. ताजा मामला आंध्र प्रदेश के तिरुपति का है. यहां श्री वेंकटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसवीआईएमएस) में इस दुर्लभ और खतरनाक बीमारी से पीड़ित 12 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जिससे संयुक्त रायलसीमा, श्री पोट्टी श्रीरामुलु नेल्लोर और आसपास के जिलों में चिंता बढ़ गई है.
5 मरीज ठीक हुएः इस महीने, 17 रोगियों को संदिग्ध जीबीएस लक्षणों के साथ न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था. पांच मरीज ठीक हो गए और उन्हें छुट्टी दे दी गई. 12 मरीजों का इलाज जारी है. ये मामले तिरुपति, चित्तूर, वाईएसआर, अन्नामय्या, अनंतपुर और श्री पोट्टी श्रीरामुलु नेल्लोर जिलों से रिपोर्ट किए गए हैं.
क्या कहते हैं अधिकारीः एसवीआईएमएस के चिकित्सा अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि चिंता की कोई बात नहीं है. अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, "पिछले 20 सालों से जीबीएस के मामले यहां दर्ज किए जा रहे हैं और हमारी टीम उन्हें संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है."
क्या है गिलियन बैरे सिंड्रोमः यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है. जिससे अक्सर मांसपेशियों में कमज़ोरी और गंभीर मामलों में पक्षाघात हो जाता है. इस बीमारी का क्या सटीक कारण है, इसका पता नहीं चल सका है. लेकिन, यह कभी-कभी संक्रमण के कारण हो सकता है.
स्वास्थ्य विभाग की सलाहः स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता को सख्त स्वच्छता बनाए रखने, भोजन और पानी को स्वच्छ और संदूषित न होने देने की सलाह दी है. ताकि संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सके. जो सिंड्रोम को संभावित रूप से ट्रिगर कर सकता है.
इसे भी पढ़ेंः महाराष्ट्र: GBS मामले बढ़कर हुए 207; कोल्हापुर में महिला की मौत, बीमारी से होने का संदेह