नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने फास्टैग नियमों में बदलाव को लेकर सफाई दी है. आपको बता दें कि कुछ समय पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नए नियमों के तहत बैलेंस कम होने या फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर टोल प्लाजा से गुजरने पर दोगुना टैक्स देना होगा. हालांकि NPCI ने स्पष्ट किया है कि नए नियमों का यूजर्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
फास्टैग ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा
NHAI ने स्पष्ट किया है कि नए सर्कुलर का उद्देश्य वाहन के टोल प्लाजा से गुजरने पर फास्टैग स्टेटस को लेकर बैंकों के बीच विवाद को सुलझाना है. नए सर्कुलर में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि फास्टैग ट्रांजेक्शन समय पर हो, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो. NPCI का कहना है कि नए फास्टैग नियमों से रियल-टाइम पेमेंट में सुधार होगा.
#NHAI has issued a clarification regarding the recent #FASTag rule change.
— NHAI (@NHAI_Official) February 19, 2025
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पहले दावा किया गया था कि 70 मिनट का समय मिलेगा
पहले खबर आई थी कि अगर किसी टोल पर पहुंचने पर फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो जाता है, तो यूजर को दोगुना टोल देना होगा. लेकिन अगर यूजर FASTag स्कैन होने के 10 मिनट के अंदर अपना FASTag रिचार्ज कर लेता है तो जुर्माना माफ कर दिया जाएगा. लो-बैलेंस अलर्ट मिलने के बाद यूजर को अपना FASTag रिचार्ज करने के लिए 70 मिनट का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा, ताकि वह टोल बूथ पर पहुंचने से पहले जुर्माने से बच सके.
ऑटो पेमेंट के लिए ग्राहकों को सलाह
NHAI ने लोगों को UPI और बैंक अकाउंट को फास्टैग वॉलेट से लिंक करके ऑटो रिचार्ज सेट करने की सलाह दी है, ताकि लोगों को बार-बार मैन्युअली रिचार्ज न करना पड़े. ग्राहक चाहें तो कई तरीकों से फास्टैग रिचार्ज कर सकते हैं. इसमें UPI और नेटबैंकिंग पेमेंट सिस्टम शामिल है.