नई दिल्ली : इतालवी नौसैनिकों द्वारा गोलीबारी के मामले में सात मछुआरों (seven fishermen) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में एक याचिका दाखिल कर नौका के मालिक को दिए गए दो करोड़ रुपये के मुआवजे में अपने हिस्से को लेकर निर्देश देने का अनुरोध किया है. ये सभी सातों मछुआरों फरवरी 2012 में उसी नौका पर सवार थे जब उनके दो सहयोगियों की दो इतालवी नौसैनिकों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी.
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उपलब्ध नहीं होने के कारण मछुआरों की याचिका पर सुनवाई दो अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी.
शीर्ष अदालत ने इटली द्वारा मृतकों के परिजन और नाव के मालिक को 10 करोड़ रुपये मुआवजा भुगतान के बाद 15 जून को दो मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों मैसिमिलानो लातोरे और सल्वाटोर गिरोन के खिलाफ भारत में नौ साल पुरानी लंबित आपराधिक कार्यवाही को बंद कर दिया था.
न्यायालय ने निर्देश दिया था कि मारे गए दोनों मछुआरों के आश्रितों को चार-चार करोड़ रुपये और शेष दो करोड़ रुपये नौका मालिक को दिए जाएंगे. शीर्ष अदालत ने राशि के वितरण की निगरानी के लिए मामले को केरल उच्च न्यायालय के पास भेज दिया था.
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ताजा याचिका में सात मछुआरों ने कहा है कि वे भी इस घटना में घायल हुए थे, इसलिए वे मुआवजे के हकदार हैं. मछुआरों ने मुआवजे की राशि के वितरण पर तब तक रोक लगाने की मांग की है जब तक कि उनके दावों पर फैसला नहीं हो जाता.
(पीटीआई भाषा)