जयपुर : आयकर विभाग ने तीन कारोबारी समूह के 28 ठिकानों पर छापे मारे. इस दौरान ज्वेलरी व्यवसायी के घर पर सुरंग मिली है, जिसमें 15 बोरे आर्ट ज्वेलरी, एंटीक सामान और लेन-देन समेत अन्य संपत्तियों के दस्तावेज छिपाए हुए मिले हैं. कार्रवाई में सिल्वर आर्ट ग्रुप का 525 करोड़ रुपये का अघोषित लेन-देन भी उजागर हुआ है. वहीं सवा सौ करोड़ रुपये का ऋण बाजार में देकर ब्याज के रूप में बड़ा मुनाफा कमाने का भी खुलासा हुआ है.
सिल्वर आर्ट ग्रुप कीमती पत्थरों, आभूषणों, प्राचीन वस्तुओं और हस्तशिल्प कालीन वस्त्र का व्यवसाय करता है. ज्वेलर्स के यहां मिली गुफा के अंदर सोने और चांदी के आभूषण, एंटीक सामान, आर्ट ज्वेलरी के अलावा बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं. गुफा से दो हार्ड डिक्स और पेन ड्राइव भी मिले हैं, जिनमें काफी वस्तुओं का विवरण पाया गया है. आयकर विभाग की टीम जांच पड़ताल के दौरान गुफा तक पहुंची तब इसका खुलासा हुआ. करीब 122 करोड़ रुपये के नकद ऋण और लेन-देन के हिसाब भी मिले हैं.
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वहीं बिल्डर के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान अघोषित संपत्तियों का हिसाब मिला है. हिसाब की रसीदें, अघोषित संपत्तियों की डिटेल और नकद ऋण समेत अन्य लेन-देन का रिकॉर्ड बरामद किया गया है. बिल्डर और कॉलोनाइजर पर मिले हिसाब-किताब का लेन-देन करीब 650 करोड़ रुपये आंका जा रहा है. तीसरे ग्रुप गोकुल कृपा के ठिकानों पर भी करोड़ों का अघोषित हिसाब मिला है. बिल्डर के फॉर्म हाउस टाउनशिप और आवासीय एंक्लेव डेवलपमेंट से संबंधित कई हिसाब मिले हैं. बिल्डर समूह ने एयरपोर्ट प्लॉजा में एक रियल स्टेट परियोजना को भी संभाला था. दस्तावेजों में एक करोड़ का लेन-देन दिखाया गया था, जबकि बैलेंस शीट में 133 करोड़ रुपये का लेन-देन सामने आया है.
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कारोबारियों के बैंक लॉकर्स समेत अन्य दस्तावेजों की भी जांच पड़ताल की जा रही है. छापे में गोकुल कृपा ग्रुप, सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप और चोरडिया ग्रुप के ठिकानों पर करोड़ों रुपये की अघोषित आय के सबूत मिले हैं. फिलहाल, आयकर विभाग की टीमें जांच पड़ताल में जुटी हुई है.