इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर एमपी के इंदौर में 22 सितंबर के दिन सड़कों पर कार नहीं चलेगी. जी हां दरअसल, शहर में प्रदूषण के साथ ट्रैफिक का दबाव कम करने और भविष्य में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जरुरत का आकलन करने के लिए इंदौर में यह अनूठा प्रयोग किया जा रहा है. किसी शहर में एक दिन प्रदूषण पूरी तरह से रोकने की अपील फिलहाल नगर निगम ने की है, लेकिन इस अपील से शहर भर के लोग 22 सितंबर को No Car Day मनाने जा रहे हैं. इस दिन इंदौरवासी दिनभर कार की सवारी नहीं करेंगे.
एयर क्वालिटी इंडेक्स को बनाए रखने की कवायद: दरअसल, स्वच्छता रैंकिंग में लगातार छह बार पहले नंबर पर आने के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन में भी इंदौर पहले नंबर पर है. अब जबकि शहर में सातवीं बार स्वच्छता रैंकिंग का सर्वे होने जा रहा है, तो इसके पहले ही नगर निगम की कोशिश है कि शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स किसी न किसी तरीके से देश भर में अव्वल रखा जा सके. इतना ही नहीं स्वच्छता के साथ शहर के बेदर्दी ट्रैफिक में भी सुधार लाया जा सके. इसके लिए शहर भर में लोगों से एक दिन के लिए अपनी कार के स्थान पर ई-रिक्शा साइकिल अथवा बस आदि से सवारी करने की अपील की जा रही है.
महापौर बोले-शहर की आवो-हवा होगी स्वच्छ: अपनी इस पहल को लेकर इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि "इंदौर शहर देश में अपनी अलग पहचान रखता है. सालों से यह शहर देश में नंबर वन स्वच्छ-सिटी के रूप में अपनी पहचान बनाता आ रहा है. इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए इंदौर की वायु को और अधिक स्वच्छ बनाने के लिए 22 सितंबर को यह नवाचार किया जा रहा है. इस दिन लोग बिना कार के घर से निकलेंगे. इस विशेष पहल से जहां शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, दूसरी तरफ शहर की आवो-हवा भी पहले की अपेक्षा अधिक स्वच्छ बन सकेगी."
शहर में बढ़ती कारों की संख्या: गौरतलब है 35 लाख की आबादी वाले इस शहर में फिलहाल चार पहिया वाहनों की संख्या 21 लाख पार कर गई है. शहर में कारों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फिलहाल इंदौर के लगभग हर घर में कार है. चार पहिया वाले वाहन के कारण आए दिन शहर की प्रमुख सड़कों पर लगातार ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है. वहीं लोक परिवहन के साधनों के कारण भी सड़कों पर सुबह और शाम को वाहनों की लंबी-लंबी कतार लगी नजर आती है. जिसके कारण यातायात अवरोध होने और प्रदूषण का दबाव शहर में बढ़ जाता है.
इंदौर नगर निगम की पहल: हालांकि अब नगर निगम की कोशिश है कि यदि एक दिन के लिए शहर की सड़कों को कारों से मुक्त किया जा सके, तो वायु प्रदूषण में काफी हद तक सुधार हो सकता है. इसके अलावा कारों के विकल्प के रूप में लोक परिवहन के साधनों की भविष्य आधारित व्यवस्था पर भी विचार किया जा सकता है. हालांकि अब तमाम तरह से लोगों को समझने के बाद उम्मीद की जा रही है कि लोग 22 सितंबर को अपनी कार उपयोग करने के बजाय शहर में चलने वाले लोक परिवहन के साधनों का उपयोग करके शहर के प्रदूषण नियंत्रण और यातायात के दबाव को नियंत्रित करने में अपनी भागीदारी निभा सकेंगे.
साइकिल से आएंगे कलेक्ट्रेट के कर्मचारी: इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने 22 सितंबर को कलेक्ट्रेट के सभी कर्मचारियों को साइकिल अथवा लोक परिवहन के अन्य साधनों से आने की अपील की है. उन्होंने कहा शहर में 'नो कार डे' के अवसर पर प्रयास किया जाएं कि सभी लोग वैकल्पिक लोक परिवहन के साधनों का एक दिन के लिए उपयोग करें. जिसके तहत कलेक्ट्रेट में सभी कर्मचारियों से साइकिल पर अथवा ई-रिक्शा या आई बस से आने की अपील की गई है. वहीं अब लोगों के मन में यह सवाल है कि वे अपने रोजमर्रा के कार्यों में कैसे पहुंचेंगे, तो बता दें की इस दिन लोगों की सुविधा और आने जाने के लिए ई-रिक्शा, ई-बाइक, बस और पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे संसाधन चालू रहेंगे. सेहत के प्रति जागरूक लोग साइकिल और पैदल भी चल सकते हैं.
कमिश्नर बोले हमभी जुड़ेंगे नो कार डे अभियान से: इसको लेकर पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर का कहना है कि पुलिस भी इस अभियान से जुड़ेगी. पुलिस ने नो कार डे को लेकर आदेश जारी किए हैं. वह इस अभियान में जुड़ेंगे, लेकिन कुछ तथ्यों में यह भी है कि तत्काल कोई घटना होती है, तो वहां पर अधिकारियों को पहुंचना रहता है. इसके लिए जरूरी है, इस कारण से कुछ अधिकारी अपने वाहनों का उपयोग कर सकेंगे, लेकिन जिस तरह से पूरे शहर में इस अभियान को लेकर उत्साह है. उससे कहीं ना कहीं 22 तारीख को शहर की सड़कों पर कम से कम कार दिखाई देगी और अधिकांश लोग ट्रांसपोर्ट वाहनों का ही उपयोग कर पाएं, इसके लिए तमाम अधिकारी अपनी ओर से संदेश जारी कर रहे हैं.
No car day को लेकर तैयारियां: कार के विकल्प के रूप में 22 सितंबर को लोगों की सुविधा के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने माय बाइक की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही आगामी 22 सितंबर को शहर में नो कार डे मनाने के संबंध में विभागीय अधिकारियों से सर्वप्रथम शहर में लोक परिवहन के माध्यम से किन-किन रूट से कितनी बसों का संचालन होता है और किन-किन साधनों का उपयोग नो कार डे पर किया जाना है, इसके संबंध में विस्तार से जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने के संबंधित को निर्देश दिये गये. साथ ही शहर के मुख्य क्षेत्रो, बीआरटीएस, सी 21, मल्हार मेगा, टीआई मॉल व अन्य मॉल व सार्वजनिक स्थानों पर नो कार डे के संबंध में नागरिकों में जागरूकता हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गये. जिससे कि शहरवासी शहर के एयर क्वालिटी इण्डेक्स को सुधारने के साथ ही स्वास्थ्य के प्रति अपनी सजगता दिखाकर, दिनांक 22 सितम्बर को चार पहियां वाहन के स्थान पर ई बाईक, साइकिल, सीटी ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर, नो कार डे अभियान को सफल बनाए.