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G20 Summit : भारत ने जी20 देशों के साथ संयुक्त घोषणापत्र में यूक्रेन संकट पर नया 'पैराग्राफ' साझा किया - Ukraine conflict

जी20 शिखर सम्मेलन के अंत में जारी किए जाने वाले घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष का भारत ने उल्लेख किया है. इस पैराग्राफ को तब साझा किया गया है जब जी20 नेताओं ने शिखर सम्मेलन के पहले दिन गंभीर चुनौतियों पर विचार-विमर्श शुरू किया. (G20 Summit)

G20 Summit
जी20 शिखर सम्मेलन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 2:55 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने शनिवार को जी20 देशों के बीच समूह के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंत में जारी होने वाले नेताओं के घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करने के लिए एक नया पैराग्राफ साझा किया. राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पैराग्राफ पर आम सहमति नहीं होने के कारण भारत ने शुक्रवार को भू-राजनीतिक मुद्दे से संबंधित पैराग्राफ के बिना ही सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र का एक मसौदा साझा किया था ताकि सकारात्मक परिणाम निकल सके.

यूक्रेन पर भारत की ओर से घोषणापत्र में नया पाठ तब साझा किया गया जब जी20 नेताओं ने शिखर सम्मेलन के पहले दिन गंभीर वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श शुरू किया. यूक्रेन के संदर्भ में शब्दावली पर सर्वसम्मति के अभाव के चलते शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणापत्र के बिना समाप्त हो सकता है. ऐसा इस समूह के लिए पहली बार होगा. गत तीन-छह सितंबर तक हरियाणा के नूंह जिले में हुई जी20 शेरपा बैठक में यूक्रेन मुद्दे का उल्लेख करने वाले पाठ पर कोई सहमति नहीं बनी थी.

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वार्ताकारों का मानना ​​है कि शनिवार सुबह प्रसारित किए गए नए पैराग्राफ पर आम सहमति बन जाएगी. यूक्रेन से संबंधित इस नए पैराग्राफ पर पश्चिमी शक्तियों के साथ-साथ चीन और रूस की प्रतिक्रिया के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिली है. पूर्व में दो सूत्रों ने कहा था कि जी7 देश यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ के बिना किसी भी घोषणापत्र पर सहमत नहीं हैं. जी20 आम सहमति के सिद्धांत के तहत काम करता है और ऐसी आशंकाएं रही हैं कि आम सहमति के अभाव में शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणा के बिना ही संपन्न हो सकता है.

रूस और चीन दोनों ने पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में शिखर सम्मेलन के दौरान जारी घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष पर दो पैराग्राफ पर सहमत हुए थे, लेकिन इस साल इससे पीछे हट गए, जिससे भारत के लिए मुश्किल स्थिति पैदा हो गई. वित्त और विदेश मंत्रियों के स्तर की बैठकों समेत भारत की जी20 की अध्यक्षता में हुई लगभग सभी प्रमुख बैठकों में रूस और चीन के विरोध के चलते यूक्रेन संघर्ष से संबंधित आम सहमति वाले दस्तावेज सामने नहीं आ सके.

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत ने शनिवार को जी20 देशों के बीच समूह के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंत में जारी होने वाले नेताओं के घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करने के लिए एक नया पैराग्राफ साझा किया. राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पैराग्राफ पर आम सहमति नहीं होने के कारण भारत ने शुक्रवार को भू-राजनीतिक मुद्दे से संबंधित पैराग्राफ के बिना ही सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र का एक मसौदा साझा किया था ताकि सकारात्मक परिणाम निकल सके.

यूक्रेन पर भारत की ओर से घोषणापत्र में नया पाठ तब साझा किया गया जब जी20 नेताओं ने शिखर सम्मेलन के पहले दिन गंभीर वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श शुरू किया. यूक्रेन के संदर्भ में शब्दावली पर सर्वसम्मति के अभाव के चलते शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणापत्र के बिना समाप्त हो सकता है. ऐसा इस समूह के लिए पहली बार होगा. गत तीन-छह सितंबर तक हरियाणा के नूंह जिले में हुई जी20 शेरपा बैठक में यूक्रेन मुद्दे का उल्लेख करने वाले पाठ पर कोई सहमति नहीं बनी थी.

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वार्ताकारों का मानना ​​है कि शनिवार सुबह प्रसारित किए गए नए पैराग्राफ पर आम सहमति बन जाएगी. यूक्रेन से संबंधित इस नए पैराग्राफ पर पश्चिमी शक्तियों के साथ-साथ चीन और रूस की प्रतिक्रिया के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिली है. पूर्व में दो सूत्रों ने कहा था कि जी7 देश यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ के बिना किसी भी घोषणापत्र पर सहमत नहीं हैं. जी20 आम सहमति के सिद्धांत के तहत काम करता है और ऐसी आशंकाएं रही हैं कि आम सहमति के अभाव में शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणा के बिना ही संपन्न हो सकता है.

रूस और चीन दोनों ने पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में शिखर सम्मेलन के दौरान जारी घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष पर दो पैराग्राफ पर सहमत हुए थे, लेकिन इस साल इससे पीछे हट गए, जिससे भारत के लिए मुश्किल स्थिति पैदा हो गई. वित्त और विदेश मंत्रियों के स्तर की बैठकों समेत भारत की जी20 की अध्यक्षता में हुई लगभग सभी प्रमुख बैठकों में रूस और चीन के विरोध के चलते यूक्रेन संघर्ष से संबंधित आम सहमति वाले दस्तावेज सामने नहीं आ सके.

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(पीटीआई-भाषा)

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