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नदियों के जल प्रबंधन पर सहयोग बढ़ाएंगे भारत, बांग्लादेश

भारत-बांग्लादेश जल संसाधन सचिव स्तर की बैठक के बाद एक साझा बयान में कहा गया हैकि दोनों पक्ष नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा, प्रदूषण खत्म करने, नदियों के जल के संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, नदी घाटी प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग बढ़ाने पर राजी हो गए.

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Published : Mar 17, 2021, 6:19 PM IST

नई दिल्ली : भारत और बांग्लादेश नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा, प्रदूषण खत्म करने, नदियों के जल के संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, नदी घाटी प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग बढ़ाने पर राजी हो गए.

एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई. भारत-बांग्लादेश जल संसाधन सचिव स्तर की बैठक यहां मंगलवार 16 मार्च को हुई.

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पंकज कुमार, सचिव (जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्रुद्धार) ने किया. बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव कबीर बिन अनवर ने किया.

भारत और बांग्लादेश 54 नदियों का पानी आपस में साझा करते हैं जो दोनों देशों के लोगों की आजीविका पर सीधे असर डालती हैं. दोनों पक्षों ने इस मामले में अपने बीच करीबी सहयोग की प्रशंसा की.

बयान में कहा गया है, 'दोनों पक्ष नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा, प्रदूषण खत्म करने, नदियों के जल के संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, नदी घाटी प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग बढ़ाने पर राजी हो गए.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने होने वाली बांग्लादेश की यात्रा के मद्देनजर यह बैठक हुई है.

पढ़ें - वैश्विक तंत्रों का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए सहयोग जरूरी: मोदी

सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को दोनों पक्षों ने मानू, मुहुरी, खोवाई, गुमती, दूधकुमार और धारला नदियों के जल बंटवारे पर चर्चा की.

उन्होंने बताया कि इलाके में बाढ़ के पूर्वानुमान में और सहयोग करने को लेकर भी चर्चा हुई.

दोनों देश अगली सचिव स्तर की बैठक ढाका में करने पर भी राजी हो गए.

नई दिल्ली : भारत और बांग्लादेश नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा, प्रदूषण खत्म करने, नदियों के जल के संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, नदी घाटी प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग बढ़ाने पर राजी हो गए.

एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई. भारत-बांग्लादेश जल संसाधन सचिव स्तर की बैठक यहां मंगलवार 16 मार्च को हुई.

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पंकज कुमार, सचिव (जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्रुद्धार) ने किया. बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव कबीर बिन अनवर ने किया.

भारत और बांग्लादेश 54 नदियों का पानी आपस में साझा करते हैं जो दोनों देशों के लोगों की आजीविका पर सीधे असर डालती हैं. दोनों पक्षों ने इस मामले में अपने बीच करीबी सहयोग की प्रशंसा की.

बयान में कहा गया है, 'दोनों पक्ष नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा, प्रदूषण खत्म करने, नदियों के जल के संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, नदी घाटी प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग बढ़ाने पर राजी हो गए.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने होने वाली बांग्लादेश की यात्रा के मद्देनजर यह बैठक हुई है.

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सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को दोनों पक्षों ने मानू, मुहुरी, खोवाई, गुमती, दूधकुमार और धारला नदियों के जल बंटवारे पर चर्चा की.

उन्होंने बताया कि इलाके में बाढ़ के पूर्वानुमान में और सहयोग करने को लेकर भी चर्चा हुई.

दोनों देश अगली सचिव स्तर की बैठक ढाका में करने पर भी राजी हो गए.

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