नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने करीब 90 मिनट तक भाषण दिया, जो प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र के नाम उनका 10वां संबोधन था. साल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की इसी प्राचीर से 96 मिनट का भाषण दिया था जो उनका स्वतंत्रता दिवस पर सबसे लम्बा भाषण है. साल 2019 में स्वतंत्रता दिवस पर उनका भाषण 92 मिनट का था.
देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे देश की क्षमता को साकार करने के इस अवसर को हाथ से ना जाने दें, क्योंकि इस अवधि में लिए गए निर्णय और बलिदान अगले 1,000 वर्षों तक देश को प्रभावित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को सुबह 07.34 बजे संबोधन प्रारंभ किया और यह 09.03 बजे समाप्त हुआ. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले स्वतंत्रता दिवस पर अपने वर्तमान कार्यकाल के अंतिम संबोधन में प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अगले वर्ष वे लाल किले से अपने उन वादों पर हुई प्रगति का लेखाजोखा प्रस्तुत करेंगे जो उन्होंने लोगों से किये हैं.
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उन्होंने कहा, "अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा." पीएम मोदी ने कहा कि वह 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, "आजादी के अमृतकाल में 2047 में, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा, विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए."
बता दें कि पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने 74 मिनट तक राष्ट्र को संबोधित किया था जबकि 2021 में उनका संबोधन 88 मिनट का था. 2020 में उनका संबोधन 90 मिनट, 2015 में 86 मिनट, 2018 में करीब 83 मिनट तथा वर्ष 2014 में करीब 65 मिनट का था.
(पीटीआई-भाषा)