मिर्जापुर : चार बीवियों की दीवानगी में एक पति ने 13 मंजिल की इमारत खड़ी कर दी. पत्नियों का दिल जीतने के लिए पति ने नियमों का भी ख्याल नहीं रखा. प्रशासन को इस इमारत के बारे में तब जानकारी हो पाई जब चार बीवियों में से एक ने भरण-पोषण के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी. मामला संज्ञान में आने पर प्रशासन ने मकान को कुर्क कर लिया. अभी इस इमारत की नीलामी नहीं हो पाई है. वहीं इस इमारत के आसपास रहने वाले लोग तेज हवा चलने पर सहम जाते हैं. डर है कि 22 साल पहले बनी ये इमारत कभीं भी गिर सकती है.
![इमारत को कुर्क किया जा चुका है.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-07-2023/up-mir-02-skyscraper-visbite-up10113_30072023203314_3007f_1690729394_992.jpg)
कई सालों तक इमारत में रहा परिवार : मामला जिले के अदलहाट थाना क्षेत्र के श्रुतिहार गांव का है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां का रहने वाला सियाराम पटेल झोलाछाप चिकित्सक है. उसने चार शादियां कर रखी है. इनमें एक बीवी देवरिया गांव की रहने वाली अर्चना सिंह हैं. 2001 में अर्चना की शादी सियाराम पटेल से हुई थी. चार बीवियों के साथ सियाराम पटेल खुशी-खुशी रह रहा था. पत्नियों के प्यार में सियाराम ने गांव में 13 मंजिल की इमारत खड़ी कर दी. इसमें वह कई सालों तक चारों बीवियों के साथ रहा.
चौथी पत्नी के विरोध से प्रशासन तक पहुंचा मामला : कुछ साल बाद अर्चना ने भरण-पोषण न मिलने पर दूसरी बीवी अर्चना ने परिवार न्यायालय में अर्जी दाखिल कर दी. 13 अप्रैल 2018 को न्यायालय ने सियाराम को भरण-पोषण के लिए 3 लाख, 82 हजार, 500 रुपए अर्चना को देने के लिए आदेशित किया. भरण पोषण न मिलने पर परिवार न्यायालय के आदेश पर कुछ दिन बाद तत्कालीन उप जिलाधिकारी चुनार की ओर से 13 मंजिला इमारत की कुर्की की गई थी. कुर्क करने वाले टीम में शामिल अमीन चंद्र प्रकाश ने बताया कि इमारत को कुर्क किया जा चुका है. अभी इसकी नीलामी नहीं हो पाई है. इस कार्रवाई के दौरान प्रशासन को इस इमारत के बारे में जानकारी हो पाई थी.
![इमारत को देखकर ही लोग डर जाते हैं.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-07-2023/up-mir-02-skyscraper-visbite-up10113_30072023203314_3007f_1690729394_600.jpg)
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बंजर भूमि पर बनी है इमारत : ग्रामीण कुलदीप ने बताया कि गांव की बंजर भूमि को पाटकर लगभग एक हजार वर्ग फीट में 13 मंजिला इमारत खड़ी की गई है. जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. यह मकान अब जर्जर हो चुका है. दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं. छह साल से इसमें कोई रह भी नहीं रहा है. इमारत के कुर्क होने के बाद सियाराम सोनभद्र जिले के कर्मा इलाके के गणेशपुर गांव में रहने लगा है. तेज हवा चलने पर इस इमारत के आसपास रहने वाले लोग सहम जाते हैं. ग्रामीण रामेश्वर ने बताया कि बिना पिलर के इमारत खड़ी की गई है. इसे गिराने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. इसे गिरवाया नहीं गया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.
![इमारत को बनाने में नियमों की अनदेखी की गई.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-07-2023/up-mir-02-skyscraper-visbite-up10113_30072023203314_3007f_1690729394_218.jpg)
अभी तक नहीं मिले रुपये : सियाराम पटेल की दूसरी पत्नी अर्चना सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश के चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक उन्हें भरण-पोषण के लिए एक रुपया भी नहीं मिल पाया है. उनकी बेटी लगभग 18 वर्ष की हो चुकी है. उसकी पढ़ाई में भी अड़चन आ रही है. हमें तक न्याय नहीं मिल पाया है.
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