अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने सालभर पुराने खेड़ा सार्वजनिक पिटाई मामले में चार पुलिसकर्मियों को कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए 14 दिन की जेल की सजा सुनाई है. वहीं फैसला आने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा. हालांकि कोर्ट ने फिलहाल अपने फैसले को तीन महीने के लिए रोक दिया है जिससे आरोपियों को इस फैसले के खिलाफ अपील करने का मौका मिल सके. मामले में पुलिस के द्वारा मुस्लिम व्यक्तियों के पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद दायर की गई याचिका पर कोर्ट ने यह निर्णय दिया.
बता दें कि खेड़ा जिले के मातर तालुका के उंढेला गांव में एक साल पहले पथराव की घटना हुई थी. मामले में पुलिस के द्वारा आरोपी की सरेआम पिटाई किए जाने का कथित वीडियो पर ही गुजरात हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया. इसमें आरोपी मुस्लिम व्यक्ति को पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से पीटा गया था.
इस संबंध जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस गीता गोपी की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट इस बात से खुश नहीं है जब वह ऐसा आदेश पारित कर रही है जिसमें चार पुलिसकर्मियों को साधारण कारावास भुगतने के लिए कहा जा रहा है. इससे पहले इसी साल जुलाई में हाई कोर्ट ने नडियाद सीजेएम को घटना से संबंधित पेन ड्राइव और वीडियो सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का विश्लेषण करने का निर्देश दिया था.
क्या था मामला: 3 अक्टूबर 2022 की रात खेड़ा जिले के मातर तालुक के उंढेला गांव में कुछ घुसपैठियों ने नवरात्रि समारोह के दौरान भीड़ पर पथराव कर दिया था. इस घटना में कम से कम 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उस दौरान पैदा हुए तनाव में दो पुलिसकर्मी समेत नौ लोग घायल हो गए थे. इसमें पुलिस द्वारा आरोपियों को खंभे से बांधकर गांव में मारने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके लिए नडियाद कोर्ट द्वारा चार पुलिसकर्मियों पर आरोप तय किया गया था.
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