नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह एक लड़ाकू विमान के लिए इंजन के सह-उत्पादन के वास्ते किसी विदेशी रक्षा उपकरण उत्पादन कंपनी के साथ सहयोग की संभावना तलाश रही है. गौरतलब है कि भारत पांचवीं पीढ़ी के आधुनिक मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को विकसित करने की पांच अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है.
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, '80केएन क्षमता के लड़ाकू विमान के इंजन के डिजाइन, विकास और विनिर्माण के लिए स्वदेशी क्षमता डीआरडीओ और भारतीय उद्योगों के पास है.' उन्होंने कहा, 'एएमसीए के लिए उच्च श्रेणी के इंजनों के सह-विकास तथा सह-उत्पादन के लिहाज से किसी विदेशी इंजन विनिर्माता कंपनी के साथ सहयोग की संभावना तलाशी जा रही है.'
दरअसल हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के विकास के बाद एएमसीए के विकास के लिए भारत के आत्मविश्वास में उल्लेखनीय उछाल आया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित तेजस विमान हवाई युद्ध और आक्रामक हवाई समर्थन मिशन के लिए एक शक्तिशाली मंच है, जबकि टोही और एंटी-शिप ऑपरेशन इसकी माध्यमिक भूमिकाएं हैं. पिछले साल फरवरी में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए 83 LCA तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए HAL के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था.
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