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President Rule in Punjab : 'पंजाब में लग सकता है राष्ट्रपति शासन', अब क्या करेंगे मुख्यमंत्री भगवंत मान ? - governor versus cm in punjab

पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को चेतावनी दी है कि वे उनके द्वारा लिखित चिट्ठी का जवाब दें, अन्यथा संवैधानिक दायित्व न निभाने को लेकर राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की जा सकती है.

punjab governor and cm
पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 25, 2023, 6:26 PM IST

चंडीगढ़ : राजभवन और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ी तनातनी के बीच पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने शुक्रवार को भगवंत मान को चेतावनी दी कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं और अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं मिला तो वह फौजदारी प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं.

  • "...Not furnishing the information which was sought by the Governor would be plainly in dereliction of the constitutional duty which is imposed on the CM....failing which I would have no choice but to take action according to law & the Constitution..." Governor of Punjab,… pic.twitter.com/9vEzKdOLp1

    — ANI (@ANI) August 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मान को भेजे गए नये पत्र में राज्यपाल पुरोहित ने संकेत दिया कि वह अपने पुराने पत्रों का जवाब नहीं मिलने से निराश हैं और मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि वह 'संवैधानिक तंत्र की विफलता' पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकते हैं. पुरोहित ने मान को सलाह दी है कि इससे पहले कि वह (राज्यपाल) संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत अंतिम निर्णय लें वह (मुख्यमंत्री) उचित कदम उठाएं.

सामान्य रूप से राज्यपाल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर अनुच्छेद 356 के तहत राज्य को प्रत्यक्ष रूप से केन्द्र/भारत संघ के शासन के तहत लाया जाता है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124 राष्ट्रपति या राज्यपाल को अपने कानूनी/संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करने से गलत तरीके से रोकने आदि से संबद्ध है.

राज्यपाल ने लिखा है, 'इससे पहले कि मैं अनुच्छेद 356 के तहत संवैधानिक तंत्र की विफलता पर भारत की राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत फौजदारी प्रक्रिया शुरू करने का अंतिम फैसला करूं, मैं आपसे उपरोक्त पत्र में उल्लेखित पत्रों में मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराने और राज्य में मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए आपके द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मुहैया कराने को कहूंगा, ऐसा नहीं होने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं होगा.' राज्यपाल का पत्र शुक्रवार को मीडिया में जारी किया गया.

ये भी पढ़ें : बीजेपी का पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर अटैक, ट्वीट कर किया दिमाग का रियलिटी चेक

(पीटीआई-भाषा)

चंडीगढ़ : राजभवन और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ी तनातनी के बीच पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने शुक्रवार को भगवंत मान को चेतावनी दी कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं और अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं मिला तो वह फौजदारी प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं.

  • "...Not furnishing the information which was sought by the Governor would be plainly in dereliction of the constitutional duty which is imposed on the CM....failing which I would have no choice but to take action according to law & the Constitution..." Governor of Punjab,… pic.twitter.com/9vEzKdOLp1

    — ANI (@ANI) August 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मान को भेजे गए नये पत्र में राज्यपाल पुरोहित ने संकेत दिया कि वह अपने पुराने पत्रों का जवाब नहीं मिलने से निराश हैं और मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि वह 'संवैधानिक तंत्र की विफलता' पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकते हैं. पुरोहित ने मान को सलाह दी है कि इससे पहले कि वह (राज्यपाल) संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत अंतिम निर्णय लें वह (मुख्यमंत्री) उचित कदम उठाएं.

सामान्य रूप से राज्यपाल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर अनुच्छेद 356 के तहत राज्य को प्रत्यक्ष रूप से केन्द्र/भारत संघ के शासन के तहत लाया जाता है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124 राष्ट्रपति या राज्यपाल को अपने कानूनी/संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करने से गलत तरीके से रोकने आदि से संबद्ध है.

राज्यपाल ने लिखा है, 'इससे पहले कि मैं अनुच्छेद 356 के तहत संवैधानिक तंत्र की विफलता पर भारत की राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत फौजदारी प्रक्रिया शुरू करने का अंतिम फैसला करूं, मैं आपसे उपरोक्त पत्र में उल्लेखित पत्रों में मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराने और राज्य में मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए आपके द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मुहैया कराने को कहूंगा, ऐसा नहीं होने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं होगा.' राज्यपाल का पत्र शुक्रवार को मीडिया में जारी किया गया.

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(पीटीआई-भाषा)

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