मैसूर: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने गुरुवार को अपने पैतृक गांव सिद्धारमणहुंडी सिद्धारमेश्वर जात्रा में नृत्य किया. जानकारी के मुताबिक करीब 40 मिनट तक उन्होंने वीरमक्कल कुनिथा नृत्य किया. इस मौके पर ग्रामीण और उनके पुराने मित्रों ने लोक बैंड की थाप पर उनका साथ दिया.
15 साल पहले जब वे राज्य के डिप्टी सीएम थे तब उन्होंने अपने पैतृक गांव में वीरमक्कल कुनिथा नृत्य किया था. जब उन्होंने यह नृत्य किया तो वहां मौजूद सभी ग्रामीण दंग रह गए. ग्रामीणों ने सिद्धारमैया के नृत्य का जश्न मनाया.
भगवान की पूजा में शामिल होते हैं सिद्धारमैया: बता दें, सिद्धारमैया ने अपने जन्मस्थान के कुलदेव सिद्धारमेश्वर भगवान की पूजा में भाग लिया था. मैसूर के सिद्धारमणहुंडी में सिद्धारमैया को नृय करता देखकर ग्रामीणों ने अगले सीएम होने का नारा भी लगाया. बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, मैं अपने पैतृक गांव के मेले को कभी भूला नहीं. इस शहर से गहरा संबंध है.
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उन्होंने कहा कि मैं जब मंत्री था तब भी आता था, जब राज्य का सीएम बना तब भी आता था और आज भी आ रहा हूं. पूर्व सीएम ने कहा कि यह मेला हर दो साल में लगता है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार यह तीन साल में आयोजित किया गया है.