कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Korba Medical College hospital) में यहां कार्यरत एक कर्मचारी के बेटे की मौत हो गई थी. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बेटे के शव का पोस्टमार्टम के लिए पिता (Father duty for son postmortem) की ड्यूटी लगा दी. इस घटना के बाद कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर सवाल उठ रहे हैं.
बालको निवासी बाल चिन्नय्या कोरबा मेडिलक कॉलेज अस्पताल में लगभग 40 साल से काम कर रहे हैं. दो दिन पहले उनके 26 साल के बेटे पी पन्ना नायडू की तबीयत खराब हुई. जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा कर पुलिस चौकी को खबर कर दी. मर्चुरी में दो दिन तक शव रखा रहा. लेकिन जिस दिन शव का पोस्टमार्टम होना था उस दिन बाल चिन्नय्या की ड्यूटी लगा दी गई.
पिता ने पोस्टमार्टम करने से किया मना
बेटे की मौत के बाद बाल चिन्नय्या सदमे में थे. उन्होंने अपने बेटे का पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि बेटे को काटना पाप है. यह मुझसे नहीं हो पाएगा. बाल चिन्नय्या ने कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया. बाल चिन्नय्या ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से बेटे की मौत हुई है, इसलिए ऐसी स्थिति में पोस्टमार्टम करवाना गलत है.
वहीं, बाल चिन्नय्या के आरोपों पर पुलिस ने कहा कि अस्पताल से मेमो मिलने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. उसके बाद मौत के कारणों का पत चलेगा.
मीडिया में मामला आने के बाद अस्पताल प्रबंधन की नींद खुली. हालांकि मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक गोपाल सिंह कंवर का कहना है कि 'तीन लोग मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम का काम रोटेशन पर करते हैं. लेकिन जैसे ही पता चला कि पोस्टमार्टम कर्मचारी के बेटे का है. तो तुरंत उस कर्मचारी की जगह दूसरे कर्मचारी की ड्यूटी लगा दी गई.
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