नारायणपुर: नारायणपुर के ओरक्षा इलाके में जिला प्रशासन ने एक शानदार और अच्छी मुहिम शुरू की है. यह मुहिम बच्चों की शिक्षा से जुड़ी हुई है. यहां करीब 60 बच्चे जो नारायणपुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से आते हैं. उन्हें बेहतर शिक्षा दी जा रही है. इन बच्चों को नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल जैसे बेहतर शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए तैयार किया जा रहा है.
नक्सल प्रभावित इलाकों में कोचिंग की सुविधा ( Navodaya and Sainik schools): नारायणपुर जिला प्रशासन ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कोचिंग की सुविधा शुरू की है. यह कोचिंग की सुविधा बिल्कुल मुफ्त है. इसके लिए कुल 60 बच्चों का चयन किया गया है. इसमें 30 लड़के और 30 लड़कियां हैं. प्रशासन की तरफ से यह कोशिश इसलिए की जा रही है ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा का और विस्तार हो. यहां के बच्चे बेहतर शिक्षा को हासिल कर सके.
“ओरछा के अंदरूनी इलाके, जो घोर नक्सल प्रभावित हैं. इनके बच्चे पोर्टा केबिन और ओरछा के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं. वे सभी छात्र जो कक्षा 5 में हैं, उनके लिए एक ही स्थान पर अलग से प्रशिक्षक नियुक्त करके उन्हें नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल जैसे उत्कृष्ट संस्थानों के लिए तैयार किया जा रहा है. इन संस्थानों में प्रवेश करके ये छात्र-छात्राएं नारायणपुर जिले के लिए एक उदाहरण बन सकते हैं."-अजीत वसंत, कलेक्टर,नारायणपुर
कोचिंग मिलने से बच्चों में उत्साह: यहां पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे अंदरूनी इलाके के हैं. जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है. समय बदलने के साथ ग्रामीण भी अब जागरूक हो रहे हैं और अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं. बच्चे भी कोचिंग पाकर काफी खुश है. कोई बच्चा टीचर बनकर गांव में ही पढ़ाने की बात कह रहा है तो कोई डॉक्टर बनकर गांव के लोगों का इलाज करना चाहता है.
नवोदय की कोचिंग कर रहे हैं. पढ़ लिखकर टीचर बनूंगी और गांव वालों को पढ़ाउंगी -रंजीता गोठा, 5वीं की छात्रा, दुमरका, ओरछा
पढ़लिखकर डॉक्टर बनूंगा. गांव के लोग जो बीमार होंगे, उनका इलाज करुंगा. कोचिंग में पुस्तक, कॉपी, पेन, पेंसिल, कटर मिले हैं. खेमराजकुमार पोयाम, 5वीं का छात्र, माता रुकमनी स्कूल, ओरछा
इस प्रयास से बच्चों के अभिभावक खुश: जिला प्रशासन के इस प्रयास से बच्चों के अभिभावक खुश हैं.उन्होंने कहा कि "सरकार ने नवोदय विद्यालय के लिए कोचिंग कक्षाएं आयोजित की हैं. यहां कई छात्र नक्सल पीड़ित हैं. कुल 60 छात्र हैं जिनमें से 30 लड़कियां और 30 लड़के हैं. प्रशासन की ओर से, छात्रों को नवोदय विद्यालय की तैयारी के लिए किताबें, नोटबुक और स्टेशनरी प्रदान की जाती है. उन्हें कोचिंग भी दी जाती है"
नारायणपुर एक नक्सल प्रभावित जिला है. जहां लोग दशकों से नक्सलियों के आतंक के साये में जीने को मजबूर थे. इसीलिए प्रशासन की ओर से लोगों में जागरूकता फैलाने और नक्सलवाद को खत्म करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में विशेष पहल की जा रही है. अब देखना होगा कि इसका बस्तर के अंदरुनी इलाकों में शिक्षा को बढ़ावा देने में कितना योगदान होता है.