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प्रतिभा में विविधता से सिनेमा में आएगी विविधता : प्रसून जोशी

जाने-माने गीतकार प्रसून जोशी का मानना है कि भारतीय फिल्म उद्योग में देश के अलग-अलग हिस्सों तथा पृष्ठभूमि से जुड़े हुए लोगों का आना बेहद आवश्यक है, जिसके परिणामस्वरूप सिनेमा में विविधता आएगी. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर

प्रसून जोशी
प्रसून जोशी
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Published : Nov 21, 2021, 5:48 PM IST

पणजी : जाने-माने गीतकार एवं केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी का मानना है कि भारतीय फिल्म उद्योग में देश के अलग-अलग हिस्सों तथा पृष्ठभूमि से जुड़े हुए लोगों का आना बेहद आवश्यक है, जिसके परिणामस्वरूप सिनेमा में विविधता आएगी और दर्शकों को अलग-अलग कहानियां के बारे में जानने का अवसर मिलेगा.

जोशी ने कहा कि देश के प्रत्येक क्षेत्र को बड़े पर्दे पर उनके प्रतिनिधित्व का अहसास कराने के लिए फिल्म उद्योग में नए चेहरों को लाने की जरूरत है.

उन्होंने गोवा में आयोजित 52वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में रविवार को '75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो' की शुरुआत करते हुए एक कार्यक्रम में चर्चा के दौरान यह बात कही.

दिग्गज गीतकार ने कहा,'मैं मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला हूं. मेरा मानना था कि हमारे फिल्म उद्योग में केवल वे लोग शामिल हो रहे हैं, जो बड़े शहरों से संबंध रखते हैं.'

यह भी पढ़ें- हमारा लक्ष्य भारत को विश्व सिनेमा का केंद्र बनाना : अनुराग ठाकुर

सीबीएफसी के अध्यक्ष ने कहा, 'हमारी फिल्मों में विविधता तभी आएगी जब हमारी प्रतिभा में विविधता होगी. तभी हम एक किसान के जीवन का सच्चा प्रतिनिधित्व देख सकते हैं. लोग तर्क दे सकते हैं कि चर्चा और विचार-विमर्श के बाद एक फिल्मकार किसी अन्य व्यक्ति की कहानी को पर्दे पर दिखा सकता है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति जो उस माहौल से ही ताल्लुक रखता है, वो इंडस्ट्री में आता है, तो आपको एक सच्ची कहानी मिलेगी.'

(पीटीआई भाषा)

पणजी : जाने-माने गीतकार एवं केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी का मानना है कि भारतीय फिल्म उद्योग में देश के अलग-अलग हिस्सों तथा पृष्ठभूमि से जुड़े हुए लोगों का आना बेहद आवश्यक है, जिसके परिणामस्वरूप सिनेमा में विविधता आएगी और दर्शकों को अलग-अलग कहानियां के बारे में जानने का अवसर मिलेगा.

जोशी ने कहा कि देश के प्रत्येक क्षेत्र को बड़े पर्दे पर उनके प्रतिनिधित्व का अहसास कराने के लिए फिल्म उद्योग में नए चेहरों को लाने की जरूरत है.

उन्होंने गोवा में आयोजित 52वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में रविवार को '75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो' की शुरुआत करते हुए एक कार्यक्रम में चर्चा के दौरान यह बात कही.

दिग्गज गीतकार ने कहा,'मैं मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला हूं. मेरा मानना था कि हमारे फिल्म उद्योग में केवल वे लोग शामिल हो रहे हैं, जो बड़े शहरों से संबंध रखते हैं.'

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सीबीएफसी के अध्यक्ष ने कहा, 'हमारी फिल्मों में विविधता तभी आएगी जब हमारी प्रतिभा में विविधता होगी. तभी हम एक किसान के जीवन का सच्चा प्रतिनिधित्व देख सकते हैं. लोग तर्क दे सकते हैं कि चर्चा और विचार-विमर्श के बाद एक फिल्मकार किसी अन्य व्यक्ति की कहानी को पर्दे पर दिखा सकता है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति जो उस माहौल से ही ताल्लुक रखता है, वो इंडस्ट्री में आता है, तो आपको एक सच्ची कहानी मिलेगी.'

(पीटीआई भाषा)

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