नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी के चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में पूरे देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी हो गई है. ऑक्सीजन की कमी समेत विभिन्न मुद्दों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की.
दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने के लिए जो काम होना था, उस पर काम नहीं हो पाया है. दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि केंद्र सरकार से पूछा जाए कि पिछले तीन दिनों में उसने क्या किया है सिर्फ अदालत में यह कहने के सिवा की हम ये कह रहे हैं.
दिल्ली सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट राहुल मेहरा ने कोर्ट में कहा कि नई तकनीकों को तलाशा जा रहा है. राहुल मेहरा ने कहा कि हाई कोर्ट ने हमारे अधिकारियों से कहा था कि वे प्लांट के एलोकेशन को लेकर केंद्र के अधिकारी को लेटर लिखे, लेकिन हमें ऐसा करने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हमारी जरूरत 490 एमटी ऑक्सीजन नहीं है. बेड की उपलब्धता को देखते हुए हमने कहा था कि हमारी जरूरत 700 एमटी ऑक्सीजन की जरूरत है.
एसजी तुषार मेहता ने दलीलों पर जताई आपत्ति
वहीं, दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि दूसरी तरफ कुछ संवेदना होनी चाहिए. तुषार मेहता ने दलीलों पर आपत्ति जताते हुए उन्हे रोकने की कोशिश की. मेहरा ने कहा कि दिल्ली की जनता परेशान होती रहेगी और केंद्र जैसा चाहेगा, वैसा आवंटन करता रहेगा.
इस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं को नोटिस जारी किया कि वे अस्पतालों के लिए की गई आपूर्ति के विस्तृत आंकड़ों के साथ अदालत के समक्ष उपस्थित हों.
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उधर, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. सिसोदिया ने मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन 490 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 976 मीट्रिक टन करने की अपील की है.