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बड़े पैमाने पर टीकों के निर्माण के लिए प्रयास तेज किए जा रहे हैं: डीबीटी सचिव

बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने कहा कि ज़ायडस कैडिला, बायोलॉजिकल ई, जेननोवा और भारत बायोटेक के टीका उम्मीदवारों को 400 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है.

डीबीटी सचिव रेणु स्वरूप
डीबीटी सचिव रेणु स्वरूप
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Published : Apr 21, 2021, 7:54 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : केन्द्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों का उत्पादन बढ़ाने और उन्हें कम से कम समय में उपलब्ध कराने के लिए प्रयास तेज किए जा रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि भारत के पास कोविड-19 टीके के निर्माण के चार से पांच उम्मीदवार हैं वहीं तीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी पहले ही दे दी गई है.

बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने कहा कि ज़ायडस कैडिला, बायोलॉजिकल ई, जेननोवा और भारत बायोटेक के टीका उम्मीदवारों को 400 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है.

स्वरूप का बयान ऐसे वक्त में आया है जब सरकार ने टीकाकरण अभियान का दायरा बढ़ाते हुए 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगाने की मंजूरी दी.

स्वरूप ने कहा,'भारत में तीन टीके हैं, जिन्हें आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, ये हैं- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोविशील्ड, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की कोवैक्सीन और रूस का टीका स्पूतनिक-वी . इनके अलावा चार से पांच टीके क्लीनिकल परीक्षण में काफी आगे के चरण में हैं.'

ज़ाइडस कैडिला का डीएनए टीका, बायोलॉजिकल ई का प्रोटीन सबयूनिट, जननोवा का एमआरएनए और भारत बायोटेक का एकल खुराक वाला टीका क्लीनिकल परीक्षण में काफी आगे के चरण में हैं.

उन्होंने कहा, 'बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने इन टीकों के शुरुआती चरण में उम्मीदवारों को प्रौद्योगिकी, परामर्श और वित्तीय सहयोग मुहैया कराया है. अब कोविड सुरक्षा मिशन के तहत क्लीनिकल परीक्षण के आगे की चरण के लिए टीका उम्मीदवारों को करीब 400करोड. रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है.'

पढ़ें - क्या वैक्सीनेशन के बाद भी हो रहा कोरोना, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया जवाब

उन्होंने कहा कि डॉ. रेड्डीज सहित छह भारतीय कंपनियां सामूहिक रूप से रूस के टीके स्पूतिनक-वी की प्रति वर्ष 70 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेंगी .

नई दिल्ली : केन्द्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों का उत्पादन बढ़ाने और उन्हें कम से कम समय में उपलब्ध कराने के लिए प्रयास तेज किए जा रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि भारत के पास कोविड-19 टीके के निर्माण के चार से पांच उम्मीदवार हैं वहीं तीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी पहले ही दे दी गई है.

बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने कहा कि ज़ायडस कैडिला, बायोलॉजिकल ई, जेननोवा और भारत बायोटेक के टीका उम्मीदवारों को 400 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है.

स्वरूप का बयान ऐसे वक्त में आया है जब सरकार ने टीकाकरण अभियान का दायरा बढ़ाते हुए 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगाने की मंजूरी दी.

स्वरूप ने कहा,'भारत में तीन टीके हैं, जिन्हें आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, ये हैं- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोविशील्ड, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की कोवैक्सीन और रूस का टीका स्पूतनिक-वी . इनके अलावा चार से पांच टीके क्लीनिकल परीक्षण में काफी आगे के चरण में हैं.'

ज़ाइडस कैडिला का डीएनए टीका, बायोलॉजिकल ई का प्रोटीन सबयूनिट, जननोवा का एमआरएनए और भारत बायोटेक का एकल खुराक वाला टीका क्लीनिकल परीक्षण में काफी आगे के चरण में हैं.

उन्होंने कहा, 'बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने इन टीकों के शुरुआती चरण में उम्मीदवारों को प्रौद्योगिकी, परामर्श और वित्तीय सहयोग मुहैया कराया है. अब कोविड सुरक्षा मिशन के तहत क्लीनिकल परीक्षण के आगे की चरण के लिए टीका उम्मीदवारों को करीब 400करोड. रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है.'

पढ़ें - क्या वैक्सीनेशन के बाद भी हो रहा कोरोना, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया जवाब

उन्होंने कहा कि डॉ. रेड्डीज सहित छह भारतीय कंपनियां सामूहिक रूप से रूस के टीके स्पूतिनक-वी की प्रति वर्ष 70 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेंगी .

Last Updated : Apr 21, 2021, 9:53 PM IST
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