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बसपा प्रमुख मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटने के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, जानिए वजह - मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक

बसपा प्रमुख मायावती के जन्मदिन के अवसर पर मिट्टी का केक काटने और मिट्टी के लड्डू बांटने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें से मुख्य आरोपी ने खुद को बीेजेपी का नेता होने का दावा किया है.

संभल
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Published : Aug 13, 2023, 4:06 PM IST

मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

संभल: जिले की सदर कोतवाली पुलिस ने 8 साल पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटने और मिट्टी के लड्डू बांटने के आरोप में कोर्ट से शनिवार को अरेस्ट वारंट जारी हुआ. इसके बाद शनिवार को ही पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया. संभल तहसील में जिला मुख्यालय न बनाने से गुस्साए संघर्ष समिति के सदस्यों ने मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटकर विरोध दर्ज किया था. इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी ने खुद को बीजेपी से जुड़ा नेता होने का दावा करते हुए सपा सांसद और विधायक पर फंसाने का आरोप लगाया है.

बता दें कि 28 सितंबर 2011 को यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मुरादाबाद का हिस्सा रहे संभल को जिला घोषित किया था. तीन तहसीलों को मिलाकर नए जिले का नाम भीमनगर रखा था. लेकिन, जनपद का मुख्यालय केंद्र बिंदु पर बनाए जाने की बात कहीं गई थी, जिसे लेकर जिला मुख्यालय संघर्ष समिति ने लंबा आंदोलन किया और जिला मुख्यालय को संभल तहसील में ही बनाए जाने की मांग उठाई थी. इस बीच सत्ता परिवर्तन हुआ और 2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आई.

सत्ता संभालते ही अखिलेश यादव ने भीम नगर का नाम संभल जिला रखा. वहीं, जनपद का अस्थायी मुख्यालय बहजोई को बनाया गया. लेकिन, जिला मुख्यालय संघर्ष समिति लगातार संभल तहसील में ही बनाए जाने की मांग पर अड़ी हुई थी. बताते चलें कि इसी बात से नाराज होकर वर्ष 2015 में जिला मुख्यालय संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने संभल के शंकर कॉलेज चौराहे पर मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटा और मिट्टी के लड्डू वितरित किए. यही नहीं, उन्होंने मायावती का पुतला भी फूंका था.

इस मामले में बसपा नेता अमर सिंह की ओर से 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी समिति के सदस्यों ने अपनी जमानत नहीं कराई थी. कोर्ट के लगातार नोटिस जारी किए जाने के बाद भी आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. आरोपियों द्वारा कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अरेस्ट वारंट जारी कर दिए. इसके बाद संभल पुलिस ने तीन आरोपियों शकील उर रहमान मलिक, नूर खां और जुल्फिकार को गिरफ्तार कर लिया.

इन तीनों आरोपियों में शकील उर रहमान मलिक ने खुद को बीजेपी से जुड़ा होने का दावा किया है. साथ ही सपा सांसद और विधायक पर बेवजह फंसाने का आरोप भी लगाया है. संभल पुलिस क्षेत्राधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 में कुछ लोगों ने शंकर कॉलेज चौराहे पर प्रदर्शन किया था. इसमें अमर सिंह नाम के व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था. न्यायालय से अब गिरफ्तारी के वारंट जारी हुए हैं. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है. इसके बाद जेल भेज दिया गया.

यह भी पढ़ें: मंत्री संजय निषाद ने भगवान राम से की पीएम मोदी की तुलना, कही ये बात

मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

संभल: जिले की सदर कोतवाली पुलिस ने 8 साल पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटने और मिट्टी के लड्डू बांटने के आरोप में कोर्ट से शनिवार को अरेस्ट वारंट जारी हुआ. इसके बाद शनिवार को ही पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया. संभल तहसील में जिला मुख्यालय न बनाने से गुस्साए संघर्ष समिति के सदस्यों ने मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटकर विरोध दर्ज किया था. इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी ने खुद को बीजेपी से जुड़ा नेता होने का दावा करते हुए सपा सांसद और विधायक पर फंसाने का आरोप लगाया है.

बता दें कि 28 सितंबर 2011 को यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मुरादाबाद का हिस्सा रहे संभल को जिला घोषित किया था. तीन तहसीलों को मिलाकर नए जिले का नाम भीमनगर रखा था. लेकिन, जनपद का मुख्यालय केंद्र बिंदु पर बनाए जाने की बात कहीं गई थी, जिसे लेकर जिला मुख्यालय संघर्ष समिति ने लंबा आंदोलन किया और जिला मुख्यालय को संभल तहसील में ही बनाए जाने की मांग उठाई थी. इस बीच सत्ता परिवर्तन हुआ और 2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आई.

सत्ता संभालते ही अखिलेश यादव ने भीम नगर का नाम संभल जिला रखा. वहीं, जनपद का अस्थायी मुख्यालय बहजोई को बनाया गया. लेकिन, जिला मुख्यालय संघर्ष समिति लगातार संभल तहसील में ही बनाए जाने की मांग पर अड़ी हुई थी. बताते चलें कि इसी बात से नाराज होकर वर्ष 2015 में जिला मुख्यालय संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने संभल के शंकर कॉलेज चौराहे पर मायावती के जन्मदिन पर मिट्टी का केक काटा और मिट्टी के लड्डू वितरित किए. यही नहीं, उन्होंने मायावती का पुतला भी फूंका था.

इस मामले में बसपा नेता अमर सिंह की ओर से 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी समिति के सदस्यों ने अपनी जमानत नहीं कराई थी. कोर्ट के लगातार नोटिस जारी किए जाने के बाद भी आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. आरोपियों द्वारा कोर्ट में पेश न होने पर अदालत ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अरेस्ट वारंट जारी कर दिए. इसके बाद संभल पुलिस ने तीन आरोपियों शकील उर रहमान मलिक, नूर खां और जुल्फिकार को गिरफ्तार कर लिया.

इन तीनों आरोपियों में शकील उर रहमान मलिक ने खुद को बीजेपी से जुड़ा होने का दावा किया है. साथ ही सपा सांसद और विधायक पर बेवजह फंसाने का आरोप भी लगाया है. संभल पुलिस क्षेत्राधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 में कुछ लोगों ने शंकर कॉलेज चौराहे पर प्रदर्शन किया था. इसमें अमर सिंह नाम के व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था. न्यायालय से अब गिरफ्तारी के वारंट जारी हुए हैं. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है. इसके बाद जेल भेज दिया गया.

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