हैदराबाद : वैश्विक महामारी कोरोना ने न सिर्फ स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रभावित किया है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान पहुंचाया है. कई राज्यों की प्रगति जैसी होनी चाहिए वैसी नहीं हो पाई.
इसे हम सकल मूल्य वर्धित या ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए), श्रम बाजार और राजकोषीय स्थिति के आधार पर तय कर सकते हैं.
देश के उत्पादन में सबसे ज्यादा योगदान देने वाला राज्य महाराष्ट्र जो कोविड 19 महामारी में ज्यादा प्रभावित रहा. आर्थिक गति पाने के लिए जूझ रहा है. यहां सेवा क्षेत्र को तगड़ा झटका लगा जबकि इस राज्य को सर्विस सेक्टर से करीब 56 फीसदी आमदनी होती है. श्रम बाजार भी प्रभावित हुआ है जिसका सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग पर प्रभाव पड़ा है.
जबकि तमिलनाडु और केरल निर्माण क्षेत्र के झटकों से जूझ रहे हैं., विनिर्माण मंदी गुजरात और जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति को जोखिम देती है. हालांकि पंजाब अपेक्षाकृत कृषि क्षेत्र पर आधारित है लेकिन यहां भी सेवा क्षेत्र में अनौपचारिक श्रमिक झटके लगे हैं. अनौपचारिक क्षेत्र की सेवाओं के मामले में दिल्ली और तेलंगाना जैसे राज्यों को भी असहज महसूस कराया है.
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कोरोना से ज्यादा प्रभावित दिल्ली जिसकी स्वास्थ्य सेवाओं को झटका लगा. दिल्ली ने अपनी राजकोषीय स्थिति के दम पर काफी कुछ करने की कोशिश की.
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निर्माण के अनौपचारिकता क्षेत्र के झटके उत्तर प्रदेश को भी लगे. देश की अर्थव्यवस्था को योगदान देने वाला बड़ा आबादी वाला ये राज्य भी प्रभावित हुआ.