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Chiktrakoot Jail Case: कोर्ट ने अब्बास अंसारी की पत्नी और ड्राइवर को पुलिस रिमांड पर भेजा - मुख्तार अंसारी की बहू

चिकत्रकूट जेल प्रकरण में अब्बास अंसारी की पत्नी निखत अंसारी के लॉक फोन में क्या छिपा है, अब पुलिस रिमांड पर इसका राज खुलेगा. शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट में मोबाइल फोन की जांच की दलील देकर निखत अंसारी और ड्राइवर नियाज अहमद के लिए रिमांड मांगी थी. कोर्ट ने दोनों को पुलिस रिमांड पर लेने की इजाजत दे दी.

अब्बास अंसारी की पत्नी
अब्बास अंसारी की पत्नी
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Published : Feb 16, 2023, 8:01 PM IST

लखनऊ : चित्रकूट जेल प्रकरण में गुरुवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने मुख्तार अंसारी की बहू और विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो को तीन दिनों के लिए रिमांड पर पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया. मामले के विवेचक के अनुरोध पर कोर्ट ने निखत के ड्राइवर नियाज अहमद को भी पांच दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया. अदालत ने स्पष्ट किया है कि पुलिस रिमांड की अवधि 17 फरवरी को सुबह दस बजे से से शुरू होगी.

अदालत ने गुरुवार को आरोपियों से संबंधित अर्जियों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान दोनों आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित रहे. कोर्ट में जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनोज त्रिपाठी ने इस केस के विवेचक क्षेत्राधिकारी नगर जनपद चित्रकूट हर्ष पांडेय की अर्जी को पेश किया. जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनोज त्रिपाठी ने दलील दी कि चित्रकूट जेल में बंद अब्बास अंसारी से मिलने आई उनकी पत्नी निखत बानो और ड्राइवर नियाज अहमद को जेल परिसर से ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान मौके पर मोबाइल फोन के अलावा अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद हुआ था.

आरोपों में कहा गया कि दोनों अभियुक्त अपराधिक वादों की पैरवी में लगे पुलिस अधिकारियों, अभियोजन अधिकारियों और गवाहों की हत्या की योजना बना रहे थे. रिमांड की आवश्यकता बताते हुए मनोज त्रिपाठी ने कहा कि अभियुक्त निखत बानो ने गलत पासवर्ड बता कर अपने आईफोन को लॉक कर दिया है. इस फोन का पासवर्ड पता कर खुलवाना आवश्यक है अन्यथा डाटा डिलीट होने की पूरी संभावना है.

यह भी तर्क दिया गया कि अभियुक्त नियाज अहमद के फोन की बरामदगी नहीं हो सकी है, उसने अपने बयान में बताया है कि मोबाइल फोन उसने छुपा कर रख दिया है, जिसे वह बरामद करा सकता है. यह भी कहा गया कि जेल में कौन अधिकारी अथवा व्यक्ति इस योजना में शामिल हैं . धन उगाही का पैसा कहां रखा है, इन सारे तथ्यों पर आरोपियों से पूछताछ आवश्यक है. शासकीय अधिवक्ता की दलील के बाद कोर्ट ने निखत बानो और ड्राइवर नियाज अहमद को पुलिस रिमांड पर भेजने की इजाजत दे दी.

इसे भी पढ़ें-MLA Abbas Ansari के चित्रकूट जेलकांड मामले में ED की एंट्री, एसपी से मांगी FIR की कॉपी

लखनऊ : चित्रकूट जेल प्रकरण में गुरुवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने मुख्तार अंसारी की बहू और विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो को तीन दिनों के लिए रिमांड पर पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया. मामले के विवेचक के अनुरोध पर कोर्ट ने निखत के ड्राइवर नियाज अहमद को भी पांच दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया. अदालत ने स्पष्ट किया है कि पुलिस रिमांड की अवधि 17 फरवरी को सुबह दस बजे से से शुरू होगी.

अदालत ने गुरुवार को आरोपियों से संबंधित अर्जियों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान दोनों आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित रहे. कोर्ट में जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनोज त्रिपाठी ने इस केस के विवेचक क्षेत्राधिकारी नगर जनपद चित्रकूट हर्ष पांडेय की अर्जी को पेश किया. जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनोज त्रिपाठी ने दलील दी कि चित्रकूट जेल में बंद अब्बास अंसारी से मिलने आई उनकी पत्नी निखत बानो और ड्राइवर नियाज अहमद को जेल परिसर से ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान मौके पर मोबाइल फोन के अलावा अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद हुआ था.

आरोपों में कहा गया कि दोनों अभियुक्त अपराधिक वादों की पैरवी में लगे पुलिस अधिकारियों, अभियोजन अधिकारियों और गवाहों की हत्या की योजना बना रहे थे. रिमांड की आवश्यकता बताते हुए मनोज त्रिपाठी ने कहा कि अभियुक्त निखत बानो ने गलत पासवर्ड बता कर अपने आईफोन को लॉक कर दिया है. इस फोन का पासवर्ड पता कर खुलवाना आवश्यक है अन्यथा डाटा डिलीट होने की पूरी संभावना है.

यह भी तर्क दिया गया कि अभियुक्त नियाज अहमद के फोन की बरामदगी नहीं हो सकी है, उसने अपने बयान में बताया है कि मोबाइल फोन उसने छुपा कर रख दिया है, जिसे वह बरामद करा सकता है. यह भी कहा गया कि जेल में कौन अधिकारी अथवा व्यक्ति इस योजना में शामिल हैं . धन उगाही का पैसा कहां रखा है, इन सारे तथ्यों पर आरोपियों से पूछताछ आवश्यक है. शासकीय अधिवक्ता की दलील के बाद कोर्ट ने निखत बानो और ड्राइवर नियाज अहमद को पुलिस रिमांड पर भेजने की इजाजत दे दी.

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