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हार्दिक पटेल के रवैए से कांग्रेस नेतृत्व असहज, कर सकती है कार्रवाई - amit agnihotri on hardik patel congress relation

हार्दिक पटेल कांग्रेस चिंतन शिविर में शामिल नहीं हुए. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने ईटीवी भारत को बताया कि हार्दिक का मीडिया में बार-बार बयान जारी करना पार्टी के लिए ठीक नहीं है. और वह लगातार ऐसा ही करते रहे, तो उनके खिलाफ कदम उठाने होंगे. पेश है वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री का एक विश्लेषण.

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हार्दिक पटेल
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Published : May 17, 2022, 6:52 PM IST

नई दिल्ली : दो दिन पहले कांग्रेस का चिंतन शिविर समाप्त हो गया. लेकिन गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल नदारद रहे. वह पिछले कई दिनों से पार्टी के कुछ नेताओं, खासकर राज्य से जुड़े, पर कई तरह के आरोप लगा चुके हैं. अब खबर है कि पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है. चर्चा है कि पार्टी हाई कमांड इस पर महत्वपूर्ण फैसला ले सकता है.

सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा से बुधवार को मुलाकात कर सकते हैं और वह उनसे हार्दिक पटेल से उनकी स्थिति के बारे में पूछ सकते हैं. हार्दिक पटेल ने 2015 में पटेल आरक्षण का मुद्दा छेड़ा था. उनके आंदोलन की लोकप्रियता की बदौलत ही उन्हें कांग्रेस में एंट्री मिली थी. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका फायदा भी मिला. पिछले साल पार्टी ने उन्हें गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किया था.

हालांकि, उसके बाद से वह राज्य स्तर पर पार्टी नेतृत्व से सहज नहीं हैं. उन्होंने कई मौकों पर राज्य नेतृत्व की शिकायत की है. यहां तक कि उनसे दूरी भी बना ली. हाल ही में यह भी चर्चा थी कि कांग्रेस पार्टी नरेश पटेल नाम के एक दूसरे पटेल नेता के संपर्क में है. हो सकता है पार्टी उन्हें शामिल कर ले. दूसरी बात यह भी है कि हार्दिक पटेल के भाजपा ज्वाइन करने की भी खबरें उड़ रहीं हैं. वैसे, इस बाबत जब हार्दिक पटेल से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में हैं, लेकिन उनकी चिंता को कोई दूर नहीं कर रहा है. वह चाहते हैं कि उनकी चिंता हाईकमांड दूर कर दे.

उनके इस बयान के बाद हार्दिक पटेल के पिता की बरखी (निधन के एक साल होने) पर उनके घर रघु शर्मा पहुंचे थे. उनके साथ राज्य कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. 10 मई को राहुल की दाहोद रैली में उम्मीद की जा रही थी कि राहुल उनसे बात कर नेतृत्व का मुद्दा सुलझा सकते हैं. लेकिन सूत्रों ने बताया कि राहुल के व्यस्त कार्यक्रम की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका.

अब हार्दिक के बारे में फिर से खबरें उड़ने लगीं हैं, क्योंकि उन्होंने तीन दिनों के चिंतन शिविर में भाग नहीं लिया. चिंतन शिविर 13-15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में संपन्न हुआ, जिनमें देश के अलग-अलग हिस्सों से कांग्रेस के 400 से अधिक नेताओं ने भाग लिया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए गुजरात कांग्रेस के मुखिया जगदीश ठाकोर ने कहा, 'मैंने उनसे मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह फोन पर नहीं आए. बाद में उन्होंने कहा कि पटेल समुदाय के कार्यक्रम की वजह से वह चिंतन शिविर में हिस्सा नहीं ले सकते हैं. हालांकि, मेरे लिए यह कोई मुद्दा नहीं है. लेकिन उनका मीडिया में बार-बार बयान आना चिंताजनक है. उन्हें जो कुछ बोलना है, वे पार्टी फोरम पर आकर बोलें, यहां तक मेरे खिलाफ भी बोलें. पर मीडिया में बयान देने से पार्टी को नुकसान पहुंचता है. अगर वह ऐसा ही करते रहे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.'

ठाकोर के इस बयान से साफ है कि यह मुद्दा अभी सुलझा नहीं है और चुनाव के ठीक पहले इस तरह के सार्वजनिक बयानों से पार्टी को नुकसान भी हो सकता है. अगर कांग्रेस हार्दिक को खोती है, तो यह उनके लिए बड़ा झटका होगा.

जहां तक नरेश पटेल के कांग्रेस ज्वाइन करने की बात है, तो वह चैप्टर भी अब बंद माना जा रहा है, क्योंकि पटेल और प्रशांत किशोर एक-दूसरे के काफी करीब रहे हैं. और पीके ने कांग्रेस ज्वाइन करने से इनकार कर दिया है. इन सबके बीच सबसे अधिक चौंकाने वाली खबर हार्दिक पटेल और नरेश पटेल की मुलाकात है. दोनों ने हाल ही में अहमदाबाद में मुलाकात की है.

ये भी पढ़ें : गुजरात में भाजपा की 'चिंतन बैठक', 2022 के चुनावों का खाका होगा तैयार

नई दिल्ली : दो दिन पहले कांग्रेस का चिंतन शिविर समाप्त हो गया. लेकिन गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल नदारद रहे. वह पिछले कई दिनों से पार्टी के कुछ नेताओं, खासकर राज्य से जुड़े, पर कई तरह के आरोप लगा चुके हैं. अब खबर है कि पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है. चर्चा है कि पार्टी हाई कमांड इस पर महत्वपूर्ण फैसला ले सकता है.

सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा से बुधवार को मुलाकात कर सकते हैं और वह उनसे हार्दिक पटेल से उनकी स्थिति के बारे में पूछ सकते हैं. हार्दिक पटेल ने 2015 में पटेल आरक्षण का मुद्दा छेड़ा था. उनके आंदोलन की लोकप्रियता की बदौलत ही उन्हें कांग्रेस में एंट्री मिली थी. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका फायदा भी मिला. पिछले साल पार्टी ने उन्हें गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किया था.

हालांकि, उसके बाद से वह राज्य स्तर पर पार्टी नेतृत्व से सहज नहीं हैं. उन्होंने कई मौकों पर राज्य नेतृत्व की शिकायत की है. यहां तक कि उनसे दूरी भी बना ली. हाल ही में यह भी चर्चा थी कि कांग्रेस पार्टी नरेश पटेल नाम के एक दूसरे पटेल नेता के संपर्क में है. हो सकता है पार्टी उन्हें शामिल कर ले. दूसरी बात यह भी है कि हार्दिक पटेल के भाजपा ज्वाइन करने की भी खबरें उड़ रहीं हैं. वैसे, इस बाबत जब हार्दिक पटेल से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में हैं, लेकिन उनकी चिंता को कोई दूर नहीं कर रहा है. वह चाहते हैं कि उनकी चिंता हाईकमांड दूर कर दे.

उनके इस बयान के बाद हार्दिक पटेल के पिता की बरखी (निधन के एक साल होने) पर उनके घर रघु शर्मा पहुंचे थे. उनके साथ राज्य कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. 10 मई को राहुल की दाहोद रैली में उम्मीद की जा रही थी कि राहुल उनसे बात कर नेतृत्व का मुद्दा सुलझा सकते हैं. लेकिन सूत्रों ने बताया कि राहुल के व्यस्त कार्यक्रम की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका.

अब हार्दिक के बारे में फिर से खबरें उड़ने लगीं हैं, क्योंकि उन्होंने तीन दिनों के चिंतन शिविर में भाग नहीं लिया. चिंतन शिविर 13-15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में संपन्न हुआ, जिनमें देश के अलग-अलग हिस्सों से कांग्रेस के 400 से अधिक नेताओं ने भाग लिया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए गुजरात कांग्रेस के मुखिया जगदीश ठाकोर ने कहा, 'मैंने उनसे मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह फोन पर नहीं आए. बाद में उन्होंने कहा कि पटेल समुदाय के कार्यक्रम की वजह से वह चिंतन शिविर में हिस्सा नहीं ले सकते हैं. हालांकि, मेरे लिए यह कोई मुद्दा नहीं है. लेकिन उनका मीडिया में बार-बार बयान आना चिंताजनक है. उन्हें जो कुछ बोलना है, वे पार्टी फोरम पर आकर बोलें, यहां तक मेरे खिलाफ भी बोलें. पर मीडिया में बयान देने से पार्टी को नुकसान पहुंचता है. अगर वह ऐसा ही करते रहे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.'

ठाकोर के इस बयान से साफ है कि यह मुद्दा अभी सुलझा नहीं है और चुनाव के ठीक पहले इस तरह के सार्वजनिक बयानों से पार्टी को नुकसान भी हो सकता है. अगर कांग्रेस हार्दिक को खोती है, तो यह उनके लिए बड़ा झटका होगा.

जहां तक नरेश पटेल के कांग्रेस ज्वाइन करने की बात है, तो वह चैप्टर भी अब बंद माना जा रहा है, क्योंकि पटेल और प्रशांत किशोर एक-दूसरे के काफी करीब रहे हैं. और पीके ने कांग्रेस ज्वाइन करने से इनकार कर दिया है. इन सबके बीच सबसे अधिक चौंकाने वाली खबर हार्दिक पटेल और नरेश पटेल की मुलाकात है. दोनों ने हाल ही में अहमदाबाद में मुलाकात की है.

ये भी पढ़ें : गुजरात में भाजपा की 'चिंतन बैठक', 2022 के चुनावों का खाका होगा तैयार

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