नई दिल्ली: कांग्रेस नेता तारिक अनवर (Congress leader Tariq Anwar) ने बजरंग दल (Bajrang Dal) और हिंदू सेना (Hindu Sena) पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की. इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार को उन सभी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो सांप्रदायिक आधार पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कई अन्य संगठन भी समाज में सांप्रदायिक तनाव और नफरत के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि अगर पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के खिलाफ कुछ ठोस सबूत हैं, तो सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई उचित है. कांग्रेस नेता ने केंद्र से मांग की कि बजरंग दल और हिंदू सेना जैसे अन्य संगठनों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए जो स्पष्ट कट्टरपंथी संगठन हैं, जो नफरत फैलाते हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के साथ समाज में विभाजन पैदा करते हैं.
बता दें कि अनवर ने उक्त बातें बुधवार सुबह गृह मंत्रालय द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके कई सहयोगियों को उनकी कथित आतंकी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित किए जाने के बाद कहीं. इस बीच, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी हर तरह की सांप्रदायिकता के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उन सभी विचारधाराओं और संस्थानों के खिलाफ है जो समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए धर्म का दुरुपयोग करते हैं और नफरत, कट्टरता और हिंसा फैलाने के लिए इसका दुरुपयोग करते हैं. जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस हमेशा से सभी प्रकार की सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है, इसमें बहुमत या अल्पसंख्यक से कोई फर्क नहीं पड़ता.
उनका यह बयान तब आया जब केंद्र ने पीएफआई के अलावा उससे जुड़े 8 सहयोगी संगठनों रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया है.
प्रतिबंध की वजह के बारे में बताते हुए गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन गुप्त एजेंडा के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में काम कर रहे हैं और ये संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर दिखाते हैं. ये संगठन देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के प्रतिकूल हैं. इनकी हरकतें सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब कर रही हैं. इससे आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा भी मिल रहा है.
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