नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Maken) के विचारों से खुद को दूर कर लिया है. बता दें कि माकन ने कहा था कि शराब घोटाले में सीबीआई के द्वारा पूछताछ के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) का समर्थन नहीं करना चाहिए. इस संबंध में एआईसीसी के दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल (AICC in charge of Delhi Shakti Singh Gohil) ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग केवल विपक्षी नेताओं के खिलाफ और पार्टियों को तोड़ने के लिए किया जा रहा है. जहां भी यह हो रहा है, हम इसके खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी नेताओं से कहा है कि हम केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ेंगे. जहां भी विपक्षी नेता के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, हम उनके साथ खड़े होंगे.
गोहिल की यह टिप्पणी दिल्ली इकाई के पूर्व प्रमुख अजय माकन और पंजाब सीएली प्रताप सिंह बाजवा के द्वारा केजरीवाल की आलोचना करने और कांग्रेस पार्टी से आप नेता का समर्थन नहीं करने के कुछ दिनों के बाद आई है. बता दें कि आप ने 2013 में दिल्ली में और 2022 में पंजाब में कांग्रेस को हराया था. माकन और बाजव दोनों नेताओं ने चिंता जताई थी कि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे पर केजरीवाल दिल्ली की सत्ता में आए थे लेकिन उन्होंने वास्तव में दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात और गोवा चुनाव में कांग्रेस में सेंध लगाने के लिए भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का इस्तेमाल किया था.
माकन ने पार्टी के उन नेताओं से भी आग्रह किया था जो वकील हैं और अदालतों में केजरीवाल का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. गोहिल ने कहा कि स्थानीय झगड़े होते हैं लेकिन मेरे नेताओं के साथ बात करने के बाद कोई समस्या नहीं है. कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है. नेताओं पर कोई पाबंदी नहीं है. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं. जब हम सत्ता में थे तो हमने कभी किसी जांच का विरोध नहीं किया. अगर अदालतें कुछ तय करती हैं, तो हम देखेंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले विपक्षी एकता बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और नहीं चाहते कि केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा विपक्षी एकता को विभाजित करे.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि संसद के बजट सत्र के दौरान आप उन 19 विपक्षी दलों की रणनीति बैठकों में शामिल होती थी, जिन्हें खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी क्षमता से रोजाना आयोजित करते थे. इस एकता के कारण, विपक्ष खुद को एक ब्लॉक के रूप में पेश कर सकता था और अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी जांच की मांग कर सकता था. इसके अलावा, केजरीवाल ने पीएम मोदी के उपनाम से जुड़े 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद 24 मार्च को राहुल गांधी की लोकसभा से अयोग्यता को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था.
इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने केजरीवाल और शराब घोटाले में जेल में बंद उनके पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमला बोला था. पार्टी प्रवक्ताओं सुप्रिया श्रीनेत और अलका लांबा और दिल्ली इकाई के प्रमुख अनिल चौधरी ने कहा था कि जब एजेंसी ने 2022 में नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ की थी तब आप ने ईडी के खिलाफ कुछ नहीं बोला था और दावा किया था कि सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई सही थी.
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