नई दिल्ली : सरकार ने राज्यसभा में कहा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर है और देश आपातकाल या 1975 के दौर में नहीं है. सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन (Minister of State for Information and Broadcasting L Murugan) ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की और कहा कि सरकार ने टीवी चैनलों के खिलाफ 160 मामले शुरू किए हैं.
उन्होंने कहा कि दो महीनों के अंदर, सरकार ने यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पेजों पर 60 चैनलों को ब्लॉक कर दिया है क्योंकि उनकी सामग्री राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा के खिलाफ थी. उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर है. हम 1975 में नहीं हैं. हम आपातकाल में नहीं हैं...'
मुरुगन ने 'मीडिया वन' चैनल के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'हम मीडिया वन पर कुछ नहीं कर रहे हैं... यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है.'
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखित जवाब में कहा कि प्राइवेट सैटेलाइट चैनलों पर प्रसारित सभी कार्यक्रमों के लिए केवल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में निर्धारित कार्यक्रम संहिता का पालन करना अपेक्षित है. इसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि केवल सेवाओं में ऐसे किसी कार्यक्रम को नहीं प्रसारित किया जाना चाहिए जिससे हिंसा को बढ़ावा मिले या जिसमें कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के विरुद्ध कोई भी बात हो या जो राष्ट्र विरोधी प्रवृत्ति को बढ़ावा दे.
उन्होंने कहा कि सरकार उन मामलों में निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों के विरुद्ध कार्रवाई करती है जिनमें कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन पाया जाता है. ठाकुर ने कहा कि प्रिंट मीडिया के संबंध में भारतीय प्रेस परिषद, भारत में प्रेस की स्वतंत्रता कायम रखने और समाचार पत्रों तथा समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखने और उनमें सुधार करने के दोहरे उदेश्य के साथ कार्य करती है.
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(पीटीआई-भाषा)