चिक्कबल्लापुर (कर्नाटक): कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर एक 'रैट स्नेक' को प्रदर्शित करने के लिए ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के संस्थापक जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev), जिन्हें सद्गुरु (Sadhguru) के नाम से जाना जाता है, के खिलाफ शिकायत (Complaint against Sadhguru) दर्ज की गई है. सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (एसपीसीए) के बोर्ड सदस्य पृथ्वी राज सीएन द्वारा चिक्कबल्लापुर तालुक के डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट्स (डीसीएफ) के साथ मिलकर एक शिकायत दर्ज कराई है.
इस शिकायत में उल्लेख किया गया है कि उस कार्यक्रम में प्रदर्शित किए गए सांप को वन अधिकारी को नहीं सौंपा गया. शिकायत पत्र में कहा गया है कि 'यह शिकायत वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के संबंध में ISHA फाउंडेशन उल्लंघन के संस्थापक श्री सद्गुरु के संबंध में है. आदरणीय सद्गुरु अवैध रूप से पकड़े गए, अनुपयुक्त रूप से संग्रहीत 'रैट स्नेक' (Rat Snake) को कई दिनों तक प्रदर्शित कर रहे थे, जो WLPA की अनुसूची 2 के तहत संरक्षित है.'
आगे इस शिकायत में कहा गया कि 'सर्प को श्री सद्गुरु द्वारा एक भीड़ के सामने मंच पर धधकती रोशनी में प्रदर्शित किया गया था. यह 9 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच हुआ. सांप को आज तक वन विभाग को नहीं सौंपा गया है.' पृथ्वी राज ने ईशा फाउंडेशन पर तमिलनाडु में वन भूमि पर अतिक्रमण करके जंगलों को नष्ट करने के कई प्रयासों का भी आरोप लगाया. सद्गुरु 9 अक्टूबर को राज्य में ईशा फाउंडेशन के नए केंद्र की घोषणा करने के लिए चिक्कबल्लापुर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
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नए केंद्र में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा भी निर्माणाधीन है. वहीं दूसरी ओर ईशा फाउंडेशन की टीम ने स्पष्ट किया कि सांप को पकड़ा नहीं गया था और न ही आयोजन स्थल पर पहुंचाया गया था. ईशा फाउंडेशन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट की गई, जिसमें लिखा गया कि 'नाग प्रतिष्ठा के दौरान चिक्कबल्लापुर में एक सांप घुस गया. सांप और लोगों की सुरक्षा के लिए, सद्गुरु ने उसे धीरे से संभाला और उसे पास के जंगल में सुरक्षित छोड़ देने को कहा. सांप को किसी भी तरह से नुकसान, पकड़ा या ले जाया नहीं गया था. घटना स्थल पर मौजूद पुलिस को घटना की जानकारी हुई.