नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में पेश होने वाले बजट को आखिरकार प्रस्तुत करने की अनुमति मिल गई. दिल्ली सरकार से गृह मंत्रालय ने कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा था और सोमवार देर रात वित्त मंत्री ने उसका जवाब दिया. उसके बाद मंगलवार को दिल्ली सरकार के बजट को मंत्रालय ने पेश करने की अनुमति दे दी है. सूचना है कि कल यानी 22 मार्च को वित्त मंत्री कैलाश गहलोत बजट पेश करेंगे. वहीं, CM अरविंद केजरीवाल ने तंज के अंदाज में कहा कि देर आए दुरुस्त आए. केंद्र सरकार ने हमारा बजट पास कर दिया. पहले ही देते, इतना बखेड़ा करने की क्या ज़रूरत थी?
नए वित्त वर्ष के लिए विधानसभा में दिल्ली का बजट आज वित्त मंत्री कैलाश गहलोत पेश करने वाले थे, लेकिन सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गृह मंत्रालय ने बजट पेश करने पर रोक लगा दी है. इस वजह से मंगलवार को बजट पेश नहीं हो सकता. जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने नए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल 78,800 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है. इसे विधानसभा में पेश करने की तैयारी में थी, लेकिन इस बजट में विकास कार्यों के लिए आवंटित बजट के अनुपात में विज्ञापन मद में अधिक फंड होने पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था.
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Delhi Annual Budget 2023-24 approved by the Ministry of Home Affairs. Approval has been conveyed to Delhi Government: Sources pic.twitter.com/iJMcOMqPal
— ANI (@ANI) March 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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विज्ञापन मद के फंड पर मांगा था स्पष्टीकरणः दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले दिल्ली सरकार के विज्ञापन मत में 15 से 20 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बजट में आवंटन होता था, लेकिन AAP सरकार ने इसमें बेतहाशा बढ़ोतरी करते हुए विज्ञापन मद में 500 करोड़ से अधिक फंड बजट में प्रावधान कर दिया. पिछले साल भी दिल्ली सरकार ने 500 करोड़ रुपए विज्ञापन मद में आवंटित किया था. हालांकि, अभी तक उनमें से 286 करोड रुपए ही खर्च हुए हैं. नए वित्त वर्ष में भी 550 करोड़ रुपए सरकार के प्रचार प्रसार के लिए बजट में प्रावधान किया गया था. जिस पर दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था.
सदन में हुआ हंगामाः विधानसभा में पेश होने वाले बजट पर ब्रेक लगने से सोमवार शाम से ही आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के मंत्री, वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. आज विधानसभा में भी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सदन में हंगामा किया और केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.
वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने भी बजट के संबंध में अपना पूरा वक्तव्य विधानसभा में दिया. उन्होंने बिंदुबार बताया कि कब बजट को अनुमति के लिए उन्होंने गृह मंत्रालय को सारे कागजात भेजा था, वहां से कब स्पष्टीकरण के संबंध में मुख्य सचिव व प्रिंसिपल सेक्रेटरी को पूछा गया और उन्हें कब जानकारी मिली. जिसे उन्होंने बिंदुवार रखा. साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस पूरे मामले की जांच कराने की भी मांग की थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बजट रोके जाने पर कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एक चुनी हुई सरकार के बजट पेश करने जा रही हो तो उससे एक दिन पहले उस पर रोक लगा दिया गया है.
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