नई दिल्ली : देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रिटारमेंट का एलान किया है. उन्होंने कहा कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में 13 अप्रैल उनके कार्यकाल का अंतिम दिन होगा. चुनाव में मीडिया की भूमिका को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि मीडिया निर्वाचन आयोग का प्रमुख सहयोगी रहा है. उन्होंने मीडिया संस्थान के लोगों से चुटकी लेते हुए कहा, 'मैं जानता हूं, आप इस बात पर यकीन नहीं करते, लेकिन वे जो कह रहे हैं, वह वास्तव में सही हैं. (I know you don't believe it, but I mean it)'
अरोड़ा ने कहा कि सभी राज्यों में निर्वाचन आयोग की टीम के जाने के बाद मीडिया के साथ विस्तृत बातचीत हुई है. यह पहले भी होता रहा है. आगे भी होता रहेगा. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी से इतर अन्य जानकारियों के लिए आधी-रात को भी फोन आते रहे.
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद की मतगणना का जिक्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि मीडिया के लोग रात 12 बजे भी परिणाम जानने के लिए व्याकुल थे, जिससे उन्हें परिणाम समय पर उपलब्ध हो सके. उन्होंने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के ठीक पहले कहा कि यह उनकी अंतिम प्रेस वार्ता होगी. 30 अप्रैल मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में उनका अंतिम कार्यदिवस होगा.
अरोड़ा ने कहा कि 13 अप्रैल को जितने समय तक उन्हें अनुमति रहेगी, वे काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि मीडिया चुनाव आयोग और विशेष रूप से उनका साथ देता रहा है. उन्होंने अपने करियर का संक्षिप्त जिक्र किया और कहा कि वे 11 चुनावों में चुनाव आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि उनका सहयोग रहा है कि इन पांच चुनावों में काम करना उनका सौभाग्य रहा है. अरोड़ा ने कहा कि वे अपनी मां के साथ हुए संवाद को देख रहे थे. उन्होंने बताया कि उनकी मां के एक पत्र में उन्हें उनके द्वारा लिखी गई लाइन मिली.
अपनी मां की बातों को याद करते हुए सुनील अरोड़ा ने एक शेर भी पढ़ा. उन्होंने कहा
किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आतीं जो अपना काम करते हैं.