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Jet Airways के नए मालिकों ने भी कर्मचारियों को किया निराश, सबको जॉब देने से किया इंकार

Jet Airways के नए मालिकों ने सभी कर्मचारियों को जॉब देने से इंकार किया है. कंपनी ने इसके लिए वित्तीय हालत का हवाला देते हुए शुक्रवार को बयान जारी किया.

Jet Airways, airline
जेट एयरवेज
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Published : Jul 30, 2021, 7:30 PM IST

नई दिल्ली: जेट एयरवेज (Jet Airways) के नए मालिकों मुरारी लाल जालान और कलरॉक कैपिटल कंसोर्टियम के बयान के बाद एयरलाइन के कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी. एक बयान में कहा ​गया कि मालिक कर्मचारियों से जल्द ही नौकरी के बारे में बातचीत करने के लिए मिलेंगे, लेकिन एयरलाइन में सभी को फिर से रोजगार नहीं मिल पाएगा.

कंसोर्टियम के बयान में कहा गया है कि आने वाले दिनों में, हम आप में से कई लोगों के साथ जुड़ने का इरादा रखते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आप आने वाले वर्षों में इतिहास बनाने के हमारे प्रयास में क्या भूमिका निभा सकते हैं. जब जेट एयरवेज फिर से उड़ान भरने को तैयार हो जाएगा. हम आप में से प्रत्येक के लिए पुन: रोजगार नहीं दे सकते हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से कह सकते हैं कि यह कंपनी आपकी है.

पढ़ें: जेट एयरवेज पर कर्मचारियों का 85 लाख रुपए तक बकाया, नए मालिक का 23000 देकर निपटाने का प्लान

फिलहाल जो हालात हैं उसमें एयरलाइन के हित में नहीं है कि आप सभी को इसमें शामिल करें. इस बारे में अखिल भारतीय जेट एयरवेज के अधिकारी और कर्मचारी संघ ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) को पत्र लिखा और एयरलाइन के नए मालिकों से उनके रोजगार के मुद्दों को हल करने के लिए केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की. पत्र में कहा गया है कि हम यह देखकर स्तब्ध और हैरान हैं कि कंपनी के कर्मचारियों के साथ इतना अन्याय किया गया है.

कंपनी की ओर से पेशकश की गई बकाया राशि लगभग 52 करोड़ रुपये है, जो कि मूल दावों की तुलना में एक मामूली राशि है. कर्मचारियों के पत्र में कहा गया है कि भुगतान बकाया के मुद्दे को उठाने के लिए निगरानी समिति से संपर्क करने के बावजूद, उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है. आगे केंद्रीय मंत्री से एक बैठक के लिए अनुरोध किया गया है ताकि उनके मुद्दों का निवारण किया जा सके.

बताते चलें कि जेट एयरवेज की शुरुआत 1992 में हुई थी और उस दौरान इसके कम से कम 22,000 कर्मचारी थे. एयरलाइन अपने पिछले प्रमोटर नरेश गोयल के दिवालिया होने के कारण अप्रैल 2019 से बंद है. करीब 3,500 कर्मचारी ऐसे थे जो दो साल पहले जेट एयरवेज के बंद होने के बाद भी बने हुए थे.

नई दिल्ली: जेट एयरवेज (Jet Airways) के नए मालिकों मुरारी लाल जालान और कलरॉक कैपिटल कंसोर्टियम के बयान के बाद एयरलाइन के कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी. एक बयान में कहा ​गया कि मालिक कर्मचारियों से जल्द ही नौकरी के बारे में बातचीत करने के लिए मिलेंगे, लेकिन एयरलाइन में सभी को फिर से रोजगार नहीं मिल पाएगा.

कंसोर्टियम के बयान में कहा गया है कि आने वाले दिनों में, हम आप में से कई लोगों के साथ जुड़ने का इरादा रखते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आप आने वाले वर्षों में इतिहास बनाने के हमारे प्रयास में क्या भूमिका निभा सकते हैं. जब जेट एयरवेज फिर से उड़ान भरने को तैयार हो जाएगा. हम आप में से प्रत्येक के लिए पुन: रोजगार नहीं दे सकते हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से कह सकते हैं कि यह कंपनी आपकी है.

पढ़ें: जेट एयरवेज पर कर्मचारियों का 85 लाख रुपए तक बकाया, नए मालिक का 23000 देकर निपटाने का प्लान

फिलहाल जो हालात हैं उसमें एयरलाइन के हित में नहीं है कि आप सभी को इसमें शामिल करें. इस बारे में अखिल भारतीय जेट एयरवेज के अधिकारी और कर्मचारी संघ ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) को पत्र लिखा और एयरलाइन के नए मालिकों से उनके रोजगार के मुद्दों को हल करने के लिए केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की. पत्र में कहा गया है कि हम यह देखकर स्तब्ध और हैरान हैं कि कंपनी के कर्मचारियों के साथ इतना अन्याय किया गया है.

कंपनी की ओर से पेशकश की गई बकाया राशि लगभग 52 करोड़ रुपये है, जो कि मूल दावों की तुलना में एक मामूली राशि है. कर्मचारियों के पत्र में कहा गया है कि भुगतान बकाया के मुद्दे को उठाने के लिए निगरानी समिति से संपर्क करने के बावजूद, उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है. आगे केंद्रीय मंत्री से एक बैठक के लिए अनुरोध किया गया है ताकि उनके मुद्दों का निवारण किया जा सके.

बताते चलें कि जेट एयरवेज की शुरुआत 1992 में हुई थी और उस दौरान इसके कम से कम 22,000 कर्मचारी थे. एयरलाइन अपने पिछले प्रमोटर नरेश गोयल के दिवालिया होने के कारण अप्रैल 2019 से बंद है. करीब 3,500 कर्मचारी ऐसे थे जो दो साल पहले जेट एयरवेज के बंद होने के बाद भी बने हुए थे.

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