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यूपी में रूठे किसानों​ को मनाने में लगी बीजेपी, चौपाल लगाकर विधानसभा चुनाव साधने की तैयारी - कृषि कानून के खिलाफ किसान

प्रदेश भाजपा अब किसानों के बीच नजर आएगी. भाजपा ने किसानों की बड़ी बैठक (kisan chaupal किसान चौपाल) 15 से 30 अक्टूबर तक प्रस्तावित किया है. भाजपा किसान मोर्चा के नेता गन्ना बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में किसानों से संवाद करेंगे.

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Published : Oct 11, 2021, 10:43 PM IST

लखनऊ : लखीमपुर कांड (Lakhimpur Violence) की आंच से तप रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) किसानों के बीच पहुंचेगी. भाजपा ने सोमवार को करीब 85 हजार किसान चौपालों (Kisan Chaupal) का आयोजन करने का निर्णय लिया है. सबसे पहले भाजपा के 98 जिला इकाइयों, 403 विधानसभाओं और शक्ति केंद्रों समेत लगभग पूरे महीने ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायतों का आयोजन करेगी. भाजपा किसान मोर्चा के नेता गन्ना बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में किसानों से संवाद करेंगे. भाजपा ने ये प्लान तब तैयार किया है जब तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसानों का प्रदर्शन पिछले एक साल से अनवरत जारी है.

प्रदेश मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा की बैठक हुई. बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश पाल, बीजेपी के प्रदेश मंत्री व भाजपा किसान मोर्चा के सहप्रभारी संजय राय ने भाजपा किसान मोर्चा प्रमुखों एवं प्रदेश किसान मोर्चा मॉनिटरिंग टीम के साथ बैठक की. बैठक में तय किया गया कि 15 अक्टूबर को सभी संगठनात्मक 98 जिला स्तर पर ग्राम किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा. 16 अक्टूबर को प्रदेश की 403 विधानसभाओं में ग्राम किसान चौपाल का आयोजन होगा. 17 अक्टूबर को प्रदेश के 27 हजार शक्ति केंन्द्रों पर ग्राम किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा. 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक प्रदेश की 56 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा.

चुनावी मौसम में भाजपा सम्मेलनों के जरिए किसानों को अपने पाले में करने की कवायद में लगी गई है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री चौपाल के जरिए किसानों से संवाद करेंगे. कार्यक्रम में किसानों के हित में लिए गए फैसलों से अवगत कराया जाएगा, जबकि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है. किसान संगठन अपनी बात पर अड़े हुए हैं, जबकि केंद्र सरकार लगातार यह कह रही है कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं. हालांकि, अब तक कई दौर की बातचीत किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच हो चुकी है, लेकिन उसका नतीजा सिफर ही रहा है. ऐसे में इन तीन कृषि कानूनों पर बीजेपी फैले भ्रम को दूर करने के लिए अब पूरे प्रदेश में किसान सम्मेलन कर रही है.

लखनऊ : लखीमपुर कांड (Lakhimpur Violence) की आंच से तप रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) किसानों के बीच पहुंचेगी. भाजपा ने सोमवार को करीब 85 हजार किसान चौपालों (Kisan Chaupal) का आयोजन करने का निर्णय लिया है. सबसे पहले भाजपा के 98 जिला इकाइयों, 403 विधानसभाओं और शक्ति केंद्रों समेत लगभग पूरे महीने ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायतों का आयोजन करेगी. भाजपा किसान मोर्चा के नेता गन्ना बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में किसानों से संवाद करेंगे. भाजपा ने ये प्लान तब तैयार किया है जब तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसानों का प्रदर्शन पिछले एक साल से अनवरत जारी है.

प्रदेश मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा की बैठक हुई. बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश पाल, बीजेपी के प्रदेश मंत्री व भाजपा किसान मोर्चा के सहप्रभारी संजय राय ने भाजपा किसान मोर्चा प्रमुखों एवं प्रदेश किसान मोर्चा मॉनिटरिंग टीम के साथ बैठक की. बैठक में तय किया गया कि 15 अक्टूबर को सभी संगठनात्मक 98 जिला स्तर पर ग्राम किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा. 16 अक्टूबर को प्रदेश की 403 विधानसभाओं में ग्राम किसान चौपाल का आयोजन होगा. 17 अक्टूबर को प्रदेश के 27 हजार शक्ति केंन्द्रों पर ग्राम किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा. 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक प्रदेश की 56 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा.

चुनावी मौसम में भाजपा सम्मेलनों के जरिए किसानों को अपने पाले में करने की कवायद में लगी गई है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री चौपाल के जरिए किसानों से संवाद करेंगे. कार्यक्रम में किसानों के हित में लिए गए फैसलों से अवगत कराया जाएगा, जबकि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है. किसान संगठन अपनी बात पर अड़े हुए हैं, जबकि केंद्र सरकार लगातार यह कह रही है कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं. हालांकि, अब तक कई दौर की बातचीत किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच हो चुकी है, लेकिन उसका नतीजा सिफर ही रहा है. ऐसे में इन तीन कृषि कानूनों पर बीजेपी फैले भ्रम को दूर करने के लिए अब पूरे प्रदेश में किसान सम्मेलन कर रही है.

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